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सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल रिमांड की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
Shantanu Roy
17 May 2024 12:04 PM GMT
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनकी रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया।
Supreme Court reserves order on a plea of Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal challenging his arrest by the Enforcement Directorate (ED) and his subsequent remand in the Delhi excise policy case(file photo) pic.twitter.com/tgQbSqFyWV
— ANI (@ANI) May 17, 2024
दिल्ली शराब नीति मामले में ED की गिरफ्तारी के विरोध में सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 16 मई को सुनवाई की। कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देने पर कहा कि उन्हें कोई विशेष छूट नहीं दी गई है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि हमने अपने फैसले में कहा था कि हमें यह न्यायसंगत लगा था। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि इस फैसले की आलोचनात्मक समीक्षा का हम स्वागत करते हैं।
ED की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल जमानत पर बाहर जाने के बाद चुनावी भाषणों में कह रहे हैं कि अगर लोगों ने AAP को वोट दिया तो मुझे 2 जून को जेल नहीं जाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने ED की दलील खारिज करते हुए कहा- ये उनका पूर्वानुमान है। इस पर हम कुछ नहीं कह सकते। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री ने भी बयान दिया है। हालांकि उनका नाम सुनवाई के दौरान नहीं लिया गया।
ED ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाएगी। केजरीवाल और पार्टी के खिलाफ बहुत जल्द चार्जशीट फाइल की जाएगी। जांच एजेंसी ने दावा किया कि उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि AAP की तरफ से शराब घोटाले का पैसा गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च किया गया।
जांच एजेंसी ने दो दिन पहले मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के सामने भी ऐसा ही बयान दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए केजरीवाल को 1 जून तक राहत मिली है। उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा गया है। जमानत मिलने के बाद केजरीवाल 10 मई को 39 दिन बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया।
कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। 1 अप्रैल को ही उन्हें तिहाड़ भेज दिया गया और उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ते-बढ़ते 7 मई तक हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि वे जेल से बाहर जाकर शराब नीति केस से जुड़ी बयानबाजी नहीं करेंगे। अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे। साथ ही दिल्ली से बाहर जाने पर जांच एजेंसी को बताएंगे और अपनी लाइव लोकेशन शेयर करेंगे।
ED ने अंतरिम जमानत पर सुनवाई से एक दिन पहले 9 मई को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर केजरीवाल की जमानत का विरोध किया था। ED ने कहा, चुनाव प्रचार ना मौलिक अधिकार है और ना ही संवैधानिक या कानूनी। केजरीवाल को जमानत मिलने की स्थिति में बेईमान नेताओं को चुनाव की आड़ में बचने का मौका मिल जाएगा। ED ने कहा- कई ऐसे लोग जेल में हैं, जो इस आधार पर जमानत मांगेंगे। जांच एजेंसी ने असम जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का भी जिक्र किया। एजेंसी ने कहा कि अमृतपाल ने भी हमसे संपर्क किया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वो केस अलग है। उसे इससे न जोड़ें।
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