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सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को लगाई फटकार, एक हफ्ते के भीतर करार करने का दिया आदेश
Apurva Srivastav
17 Jan 2022 5:38 PM GMT
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सुप्रीम कोर्ट ने रियल इस्टेट कंपनी सुपरटेक को आदेश दिया है कि वह नोएडा के एमराल्ड कोर्ट स्थिति 40 मंजिला ट्विन टावर ढहाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी के साथ करार करे।
सुप्रीम कोर्ट ने रियल इस्टेट कंपनी सुपरटेक को आदेश दिया है कि वह नोएडा के एमराल्ड कोर्ट स्थिति 40 मंजिला ट्विन टावर ढहाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी के साथ करार करे। सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश सुपरटेक को नोएडा अथारिटी की ओर से यह बताए जाने के बाद दिए कि अथारिटी ने सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) के साथ परामर्श करके 40 मंजिला ट्वीन टावर ढहाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी का नाम फाइनल किया है। इसके अलावा कोर्ट ने सुपरटेक को आदेश दिया है कि वह होम बायर्स के पैसे वापस करे। सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स से कहा है कि सुपरटेक जो पैसे दे रहा है उसे वे ले लें इससे उनके हित प्रभावित नहीं होंगे शीर्ष अदालत उनकी बात सुनेगी। ये आदेश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने दिये।
मालूम हो कि नियम कानूनों का उल्लंघन करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को ट्विन टावर ढहाने का आदेश दिया था। साथ ही सुपरटेक से कहा था कि वह उन टावरों में फ्लैट बुक कराने वाले सभी होम बायर्स का पैसा वापस करेगा। सुप्रीम कोर्ट आजकल आदेश के अनुपालन पर सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने आदेश के अनुपालन मे हीला हवाली के लिए सुपरटेक को कड़ी फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं आदेश के बावजूद होम बायर्स के पैसे अभी तक वापस न किये जाने के लिए कंपनी के निदेशकों को जेल भेजने तक की चेतावनी दी थी। सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान नोएडा अथारिटी की ओर से पेश वकील रवीन्द्र कुमार ने कोर्ट को बताया कि अथारिटी ने सीबीआरआइ से परामर्श के बाद एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी को फाइनल कर दिया है लेकिन इस मामले में कोर्ट को निर्देश देने की जरूरत है क्योंकि सुपरटेक देर कर रहा है।
नोएडा अथारिटी की ओर से पेश वकील ने कहा कि सुपरटेक को कंपनी के साथ करार करने का आदेश दिया जाए। दूसरी ओर सुपरटेक की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें इसमें कोई ऐतराज नहीं है वे इसके लिए वह तैयार हैं लेकिन कंपनी को इस काम के लिए कुछ मंजूरियां अभी लेनी हैं। एक सप्ताह में मंजूरियां लेने के बाद दो सप्ताह में वह कंपनी के साथ करार साइन कर लेगा। पीठ ने कहा कि मंजूरिया आप लेते रहियेगा लेकिन अभी एक सप्ताह के भीतर आप कंपनी के साथ करार करिये। इसके अलावा पैसे वापस न करने पर सुपरटेक के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल करने वाले होम बायर्स के मामले में सुपरटेक के वकील ने कोर्ट को बताया कि पैसा वापस लौटाने की चेक तैयार रखी हैं और वह तुरंत पैसा देने को तैयार है लेकिन पैसे की गणना, न्यायमित्र की गणना और होम बायर्स की गणना में अंतर है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक से कहा कि आप होम बायर्स का पैसा वापस करिए और होम बायर्स से कहा कि सुपरटेक जो पैसा दे रहा है उसे वे ले लें इससे उनके अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। कोर्ट उनका पक्ष सुनेगा। नौ होम बायर्स की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि जिन लोगों ने सुपरटेक के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल नहीं की है उनके पैसे लौटाने पर सुपरटेक ध्यान नहीं दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन लोगों की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी। इस बीच सुपरटेक के वकील ने कहा कि अगर होम बायर्स उन्हें आरटीजीएस का डिटेल मुहैया करा दें तो उन्हें पैसा दे दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स से ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है। मामले पर शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी उसी दिन कोर्ट अवमानना याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा।
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