भारत
कोरोना वैक्सीन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार, पूछा- 'टिका का निर्माता क्यों तय कर रहे हैं कीमत'
Deepa Sahu
31 May 2021 9:05 AM GMT
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कोविड प्रबंधन मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
कोविड प्रबंधन मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने की. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, टास्क फोर्स की रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है. स्थिति नियंत्रण में है. इस पर जस्टिस भट ने कहा मैं जो एकमात्र समस्या रख रहा हूं, वह पूरे देश को वैक्सीन उपलब्ध कराने की है. केवल एक चीज जिसे हम संबोधित करना चाहते हैं वह है मूल्य निर्धारण नीति. आप राज्यों से एक दूसरे को प्रतिस्पर्धा करने के लिए कह रहे हैं.
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा, कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. कुछ राज्य अधिक भुगतान करते हैं और अधिक प्राप्त करते हैं और कुछ कम भुगतान करते हैं और कम प्राप्त करते हैं, ऐसा नहीं है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, वैक्सीन की खरीद के लिए विभिन्न नगर निगम वैश्विक निविदाएं जारी कर रहे हैं. क्या यही है केंद्र की नीति ?
'सरकार को बनानी होगी एक नीति- जस्टिस चंद्रचूड़'
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा सरकार को एक नीति बनानी होगी और राज्यों को भी इससे अवगत कराना होगा. तुषार मेहता ने कहा दुनिया इस संकट का सामना कर रही है. वैक्सीन निर्माताओं की उपलब्धता कम है. मैं एक नागरिक के तौर पर कहना चाहता हूं कि अगर सुप्रीम कोर्ट मूल्य संरचना की भी जांच कर रहा है, तो इससे बाधा उत्पन्न होगी.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, केंद्र केवल 45 से ऊपर वर्ग के लोगों के लिए ही वैक्सीन की खरीद कर रहा है और 45 से नीचे के लोगों के लिए ही क्यों नहीं खरीद रहा है और डिजिटल डिवाइड के बारे में क्या व्यवस्था की गई है. क्या ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए कोविन ऐप पर पंजीकरण कराना वास्तविक रूप से संभव है क्या ? जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या हम कह सकते हैं कि 18 से 45 के बीच की आबादी के 50% टीके खरीदने में सक्षम होंगे? बिल्कुल भी नहीं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि राज्य वैक्सीन की उच्च कीमत क्यों दे रहे है? आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि पूरे देश में उसी कीमत पर टीके उपलब्ध हों, एक दाम पर टीके क्यों नहीं मिल सकते?
वैक्सीन निर्माता क्यों तय कर रहे हैं कीमत- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा जब डीसीपीओ आपको शक्ति देता है तो आपने कीमत निर्धारण तय करने के लिए इसे निर्माताओं पर क्यों छोड़ दिया है? नीति के पीछे क्या तर्क है? हमें फाइलों में दिखाएं कि यह नीति कैसे मंजूर हुई.
जो लोग गरीब है और अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं उनके लिए कोई प्लान क्यो नहीं है? क्या आप आज यह कहने को तैयार हैं कि केंद्र यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेगा कि राज्यों को टीका मिल जाएगा? इससे पूरी समस्या का समाधान हो जाएगा.
एसजी तुषार मेहता ने कहा, केंद्र ने बातचीत की और राजी किया और हर राज्य के लिए एक कीमत तय की. जस्टीस चंद्रचूड़ ने केंद्र से पूछा कि आप यह बताएं कि कैसे मजदूर डिजिटल डिवाइस के जरिए वैक्सीनेशन कराए?
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा राज्यों में वैक्सीन की कीमत केंद्र सरकार की कीमत से अभी भी अधिक है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि वैक्सीन लगाने के लिए COWIN अनिवार्य नहीं है? केंद्र सरकार ने कहा कि आपको व्यक्तिगत रूप से ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि गावं में भी उन्हें एक ही केंद्र में पंजीकरण कराना पड़ता है, क्या वास्तव में यह व्यावहारिक है?
जमीनी वास्तविकताओं से अवगत नहीं है केंद्र
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र कहता है कि की स्थिति गतिशील है, लेकिन आपको जमीनी स्तर का ध्यान रखना होगा, आप डिजिटल भारत, डिजिटल इंडिया कहते रहते हैं, लेकिन आप जमीनी वास्तविकताओं से अवगत नहीं हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप निश्चित रूप से पंजीकरण कर सकते हैं, लेकिन आप डिजिटल विभाजन का जवाब कैसे देंगे? आप उन प्रवासी श्रमिकों के प्रश्न का उत्तर कैसे देते हैं, जिन्हें एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना होता है?
इस साल के आखिर तक पूरा हो जाएगा 18 साल से ऊपर के लोगों का टीकाकरण- केंद्र
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस वर्ष की आखिर तक 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का काम पूरा हो जाएगा.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम नीति तैयार नहीं कर रहे हैं, 30 अप्रैल का एक आदेश है उसमें सभी समस्याओं को बताया गया है, आपको लचीला होना होगा, आप सिर्फ यह नहीं कह सकते कि आप केंद्र हैं और आप जानते हैं कि सही क्या है.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर हम कहते हैं कि कोई समस्या है, तो हम उम्मीद करते हैं कि आप इस पर गौर करें. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत में डिजिटल साक्षरता बिल्कुल सही नहीं है, मैं ई-समिति का अध्यक्ष हूं, मैंने अपने सामने आने वाली समस्याओं को देखता हूं, आपको लचीले होना चाहिए और अपने कानों को जमीन पर रखना चाहिए.
केंद्र सरकार ने कहा कि हमने कार्यस्थल टीकाकरण की अनुमति दी है जहां पंजीकरण आसान होगा. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा यही कारण है कि हमें पॉलिसी के दस्तावेज देखना चाहते है, हम सिर्फ एक हलफनामा नहीं चाहते, अगर कोई पॉलिसी दस्तावेज़ है, तो हम इसे देखना चाहते हैं.
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन से भीड़ लगने की संभावना- केंद्र
तुषार मेहता ने कहा कि अगर सरकार सभी के लिए ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करती तो वैक्सीन सेंटर पर भारी भीड़ होने की संभावना है, एक सेंटर पर 5 हज़ार तक लोग आ सकते हैं, यही वजह है कि एक सिस्टम बनाया है गया 45+ वालों के लिए स्पॉट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है लेकिन ज़्यादा भीड़ नहीं होती.
एमिकस क्यूरी ने कहा कि इस सुनवाई का उद्देश्य कम से कम समय में टीकाकरण प्राप्त करना है, वैज्ञानिकों डॉ. एम. विद्यासागर का कहना है कि अगर हमारे पास 100 करोड़ टीके हैं, तो जनवरी तक ज़्यादातर लोगो को वैक्सीन लगाई जा सकती है, जिसका मतलब है 6 महीने लगेगा, जल्दी से जल्दी सबको टिका लगाने की ज़रूरत है
पूरे देश के लिए खुद वैक्सीन क्यों नहीं खरीद रहा केंद्र
एमिकस क्यूरी ने कहा कि कई राज्यों ने वैक्सनी निर्माता से संपर्क किया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि वह देश की सरकार से बात करते हैं राज्यों से नहीं, सभी राज्यों को इकनॉमी कंडीशन एक जैसी नहीं है, केंद्र को 150 में वैक्सीन मिल रही है राज्यों को 400 में मिल रही है. केंद्र पूरे देश के लिए खुद वैक्सीन क्यों नहीं खरीदता है, 18+ वालों को फ्री वैक्सीन लगाने की कोई पॉलिसी अभी तक नहीं बनी है.
कोर्ट ने एमिकस से सवाल किया क्या राज्यों ने कहा है कि वे वैक्सीन लोगों को मुफ्त में देंगे. एमिकस जयदीप गुप्ता ने कहा, राज्यों ने एक आवेदन दायर कर कहा है कि केंद्र को खरीद करनी चाहिए.
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