भारत
यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों की तिहाड़ अधिकारियों के साथ मिलीभगत के जांच के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
Deepa Sahu
6 Oct 2021 3:30 PM GMT
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यूनिटेक के प्रमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा से मिलीभगत मामले में तिहाड़ जेल के अफसरों पर गाज गिरी है।
नई दिल्ली, यूनिटेक के प्रमोटरों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा से मिलीभगत मामले में तिहाड़ जेल के अफसरों पर गाज गिरी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की रिपोर्ट में नामित तिहाड़ अफसरों को निलंबित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों के खिलाफ जांच करने के आदेश भी जारी किए हैं। यूनिटेक के प्रमोटरों को जेल से कामकाज चलाने में मदद करने पर यह कार्रवाई की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रा की मिलीभगत के आधार पर दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की तिहाड़ अधिकारियों की सीलबंद कवर रिपोर्ट पर पूर्ण जांच का आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल के उन अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया, जिनके खिलाफ दिल्ली सीपी अस्थाना की रिपोर्ट के आधार पर मामले दर्ज किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीपी राकेश अस्थाना की जेल प्रबंधन पर रिपोर्ट की प्रति गृह मंत्रालय को निर्देशों के अनुपालन के लिए देने का निर्देश दिया।
SC orders a full-fledged probe of Tihar Jail officials
— ANI (@ANI) October 6, 2021
in connection with allegations that jailed Unitech ex-promoters Sanjay Chandra & Ajay Chandra violated prison rules & ran a "secret underground office" inside Tihar jail with the help of jail officers pic.twitter.com/haNJHi6oQk
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को निर्देश दिया था कि यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को दिल्ली की तिहाड़ जेल से मुंबई की आर्थर रोड जेल और महाराष्ट्र में तलोजा जेल स्थानांतरित किया जाए। शीर्ष अदालत ने यह आदेश ईडी द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद दिया था कि ये लोग जेल कर्मियों की मिलीभगत से जेल परिसर के भीतर से ही कारोबार चला रहे हैं।
पिछले दिनों ईडी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया था कि उसने यहां एक 'गुप्त भूमिगत कार्यालय' का पता लगाया था, जिसे यूनिटेक के पूर्व संस्थापक रमेश चंद्र द्वारा संचालित किया जा रहा था। पैरोल या जमानत पर छूटने पर उनके बेटे संजय और अजय भी इस दफ्तर में गए थे। चंद्रा और यूनिटेक लिमिटेड के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही ईडी ने रिपोर्ट में कहा था कि संजय और अजय दोनों ने पूरी न्यायिक हिरासत को अर्थहीन कर दिया है। वे दोनों जेल स्टाफ की मिलीभगत से पूरी स्वतंत्रता से संवाद कर रहे हैं, अपने अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं और अंदर से संपत्तियों का निपटान कर रहे हैं।
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