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सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में बंद लोगों का जल्द से जल्द हो कोरोना टेस्ट और वैक्सीनेशन

Deepa Sahu
6 July 2021 4:02 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में बंद लोगों का जल्द से जल्द हो कोरोना टेस्ट और वैक्सीनेशन
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सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में बंद लोगों का कोरोना टेस्ट किया जाए और उन्हें जल्द से जल्द पूरी तरह से टीका लगाया जाए. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में बंद मरीजों को घरों में शिफ्ट करने पर गंभीरता से संज्ञान लिया और कहा कि इस प्रक्रिया को तुरंत बंद करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि यह प्रतिकूल है और मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 12 जुलाई को होने वाली सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की बैठक में सभी को सहयोग देने और भाग लेने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से उन लोगों के बारे में प्रस्तुत आंकड़ों में अंतर को दूर करने के लिए कहा जो ठीक हो गए हैं लेकिन अभी भी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में हैं या जिन्हें अभी भी इलाज की आवश्यकता है.
पीठ ने कहा कि अब से वह मामले की निगरानी करेगी और तीन सप्ताह के बाद मामले को सूचीबद्ध करना शुरू करेगी क्योंकि यह बेहद संवेदनशील मामला है. शीर्ष अदालत अधिवक्ता गौरव बंसल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी कि लगभग 10,000 लोग जो छुट्टी के योग्य हैं, उन्हें सामाजिक कलंक के कारण देश भर के विभिन्न मानसिक अस्पतालों में रहने के लिए मजबूर किया जाता है.
केंद्र की ओर से क्या कहा गया
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि राज्यों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में कुछ विसंगतियां हैं और उन्होंने उन्हें इसकी ओर इशारा किया है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय 12 जुलाई को एक वर्चुअल बैठक कर रहा है और वे उन लोगों के पुनर्वास के लिए एक योजना प्रस्तुत करने के लिए अदालत के पहले के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे जो मानसिक बीमारी से ठीक हो गए हैं लेकिन अभी भी अस्पतालों या मानसिक असाइलम में रह रहे हैं.
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