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सुप्रीम कोर्ट का आदेश- यमुना के पानी की आपूर्ति पर 6 अप्रैल तक यथास्थिति बनाए रखें दिल्ली
Deepa Sahu
26 March 2021 3:54 PM GMT
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सुप्रीम कोर्ट
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब, हरियाणा की सरकारों और अन्य को यह निर्देश दिया कि दिल्ली को यमुना नदी के पानी की आपूर्ति पर 6 अप्रैल तक यथास्थिति बरकरार रखी जाए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जल संकट का सामना कर रही दिल्ली की जलापूर्ति कम न की जाए। कहे
चीफ जस्टिस न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यम की बेंच ने कहा कि वह होली की छुट्टी के बाद 6 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगी। बेंच ने कहा कि हमने गुरुवार को यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था। हम इसे जारी रखना चाहेंगे। हम होली की छुट्टियों के बाद मंगलवार 6 अप्रैल को इस मामले को देखेंगे तब तक दिल्ली को पानी की आपूर्ति में कटौती नहीं की जानी चाहिए।
हरियाणा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि उन्होंने पानी की आपूर्ति में कोई कटौती नहीं की है। इस मामले में एक पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सुनवाई के दौरान दावा किया कि जल स्तर छह फीट नीचे चला गया है।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से हरियाणा सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह यमुना में अशोधित प्रदूषकों को डालना रोके तथा दिल्ली के लिए पर्याप्त पानी छोड़े। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 26 मार्च तक के लिए यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश था।
कोर्ट ने इस पर हरियाणा, पंजाब और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को नोटिस जारी कर उनसे याचिका पर जबाव दायर करने को कहा था। दिल्ली जल बोर्ड के वकील ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जलस्तर नीचे गिर गया है। इस दौरान हरियाणा के वकील ने हालांकि कहा कि पूरी जलापूर्ति की गई है।
दिल्ली जल बोर्ड के वकील ने दलील दी कि हरियाणा के मुताबिक कुछ मरम्मत का काम चल रहा है और नहर की मरम्मत का काम मार्च और अप्रैल में नहीं किया जाना चाहिए जब पानी की मांग अपने चरम पर होती है।
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