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सुप्रीम कोर्ट: नेशनल टास्क फोर्स की सिफारिशों पर ऑक्सीजन को लेकर उठाए कदमों की जानकारी दे केंद्र सरकार

Deepa Sahu
9 Aug 2021 9:52 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट: नेशनल टास्क फोर्स की सिफारिशों पर ऑक्सीजन को लेकर उठाए कदमों की जानकारी दे केंद्र सरकार
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सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ऑक्सीजन आवंटित करने को लेकर कोर्ट द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स (NTF) की सिफारिशों पर उठाए गए।

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ऑक्सीजन आवंटित करने को लेकर कोर्ट द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स (NTF) की सिफारिशों पर उठाए गए. कदमों की रिपोर्ट केंद्र सरकार से दो हफ्ते के भीतर जमा करने को कहा है. केंद्र ने कोर्ट को बताया कि ऑक्सीजन सप्लाई और ऑडिट पर नेशनल टास्क फोर्स की फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है.

कोर्ट ने कहा कि एनटीएफ में वरिष्ठ डॉक्टर और विशेषज्ञ को शामिल किया गया है, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा कि सिफारिशों को नीति स्तर पर विधिवत लागू किया जाए. एनटीएफ रिपोर्ट और केंद्र की कार्रवाई रिपोर्ट की प्रतियां भी एमिकस क्यूरी और सभी राज्य के काउंसिलों को 2 सप्ताह के भीतर दी जाएंगी.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच इस मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद तय की है और इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोविड की तैयारियों पर स्वत: संज्ञान लेने वाले मामले के साथ सूचीबद्ध किया गया है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की ऑक्सीजन आवश्यकता का मूल्यांकन करने के लिए उप-समूह की अंतरिम रिपोर्ट जून में प्रस्तुत की गई थी.
केंद्र ने राज्यों से टास्क फोर्स बनाने को कहा
केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि सभी राज्यों से कहा गया है कि वे अपने-अपने राज्यों में ऑक्सीजन ऑडिट कराने के लिए अपना टास्क फोर्स बनाएं. सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसने दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के आदेश को चुनौती दी थी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मरीजों के लिए 700 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति के उसके आदेश का अनुपालन नहीं करने पर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि 5 मई को अवमानना कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.
नेशनल टास्क फोर्स ने 22 जून को अनुशंसा की थी कि जिस तरह देश में पेट्रोलियम पदार्थों की दो-तीन हफ्ते की खपत के लिए आरक्षित व्यवस्था रहती है, उसी तर्ज पर मेडिकल ऑक्सीजन के लिए भी दो-तीन हफ्ते के इस्तेमाल करने को लेकर रणनीतिक रूप रिजर्व करने की व्यवस्था होनी चाहिए.
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