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सुप्रीम कोर्ट: चार सप्ताह बाद केरल के पत्रकार की गिरफ्तारी पर होगी सुनवाई...बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर

Gulabi
12 Oct 2020 2:17 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट: चार सप्ताह बाद केरल के पत्रकार की गिरफ्तारी पर होगी सुनवाई...बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर
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कार्रवाई के खिलाफ केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने शीर्ष अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश के हाथरस जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी मामले में सुनवाई चार सप्ताह बाद करेगा। इस कार्रवाई के खिलाफ केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे) ने शीर्ष अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को बताया गया कि कप्पन पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया गया है। पीठ ने केयूडब्ल्यूजे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा कि जमानत के लिए पहले आप इलाहाबाद हाई कोर्ट क्यों नहीं गए।

केयूडब्ल्यूज ने अपनी याचिका में कहा है कि पत्रकार कप्पन और केयूडब्ल्यूज के एक सदस्य को हाथरस के पास टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया गया था। वह वहां रिपोìटग के लिए जा रहे थे। राज्य सरकार सहित पुलिस महानिदेशक और अन्य इस अवैध गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार हैं। शीर्ष अदालत को कप्पन को रिहा करने के लिए उचित निर्देश देना चाहिए।

यह है मामला

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पांच अक्टूबर को कहा था कि उसने मथुरा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) और उससे संबद्ध संगठन से संबंध रखने वाले चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान मलप्पुरम के सिद्दीकी, मुजफ्फरनगर के अतीक-उर रहमान, बहराइच के मसूद अहमद और रामपुर के आलम के रूप में की थी। गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के बाद केरल के प्रमुख पत्रकार संगठन ने मलप्पुरम निवासी सिद्दीकी को उनके पूरे नाम सिद्दीकी कप्पन से पहचाना था। पीएफआइ पर सूबे का माहौल खराब करने के लिए साजिश रचने का आरोप है।

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