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देर से अपील दायर करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, CBI से बोले- 'निगरानी तंत्र बनाएं'
Deepa Sahu
23 July 2021 9:27 AM GMT
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सुप्रीम कोर्टने सीबीआई निदेशक से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी मामले में अपील दायर करने में देरी न हो.
सुप्रीम कोर्टने सीबीआई निदेशक से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी मामले में अपील दायर करने में देरी न हो. क्षेत्रीय कार्यालय अपील दायर करने में देरी करते हैं. अदालत ने कहा कि सीबीआई यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र स्थापित करे, ताकि अपील बिना देरी के दायर की जाए.
अपील दायर करने में 747 दिनों की देरी
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नवंबर 2018 में विशेष जज सीबीआई रायपुर ने आरोपी को धारा 120 बी, 467, 468 आईपीसी और 32/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया और 3 साल कैद की सजा सुनाई. हाईकोर्ट ने 26 जून 2019 को अपने फैसले को उलट दिया और आरोपी को बरी कर दिया. सीबीआई द्वारा अपील दायर करने में 647 दिनों की देरी है और देरी को माफ करने के आवेदन में कोविड का हवाला दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को दिए खास निर्देश
कोविड-19 के कारण देरी की व्याख्या स्वीकार करने योग्य नहीं है, क्योंकि निर्णय मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत से बहुत पहले का था. सर्वोच्च न्यायालय को यह तय करना होता है कि क्या विलंब को माफ करने का मामला बनता है. हमारा विचार है कि सीबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए कि भविष्य में इस प्रकार कि देरी न हो. देरी के कारणों पर गंभीर संदेह पैदा करने के लिए विलंब उत्तरदायी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम निदेशक सीबीआई को आईसीटी प्लेटफॉर्म पर अपील दायर करने की निगरानी के लिए आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाने का निर्देश देते हैं ताकि देरी न हो.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पेगासस जासूसी कांड
पेगासस जासूसी कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील एम.एल शर्मा द्वारा दायर की गई याचिका पर कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है. इस याचिका में जासूसी कांड की सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT से जांच करवाने की मांग की गई है. साथ ही पेगासस जासूसी सॉफ्टवरेयर को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसके इस्तेमाल को असंवैधानिक घोषित करने की गुहार लगाई गई है.
Deepa Sahu
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