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नई दिल्ली (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) की वैधता की पुष्टि करते हुए कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के पास परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त शक्तियां हैं। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम बीसीआई को मानदंड निर्धारित करने के लिए पर्याप्त अधिकार प्रदान करता है। पीठ में शामिल जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस ए.एस. ओका, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जे.के. महेश्वरी ने कहा कि नामांकन से पहले या बाद में परीक्षा आयोजित करने का फैसला बीसीआई को करना है।
पीठ ने जोर देकर कहा कि एक नामांकित अधिवक्ता, जो कम से कम पांच साल के लिए गैर-कानूनी नौकरी करता है, को प्रैक्टिस करने के लिए फिर से एआईबीई परीक्षा में बैठना होगा। एक वकील के रूप में अनुभव की गणना बाद में की जाएगी।
गौरतलब है कि इसके पहले शीर्ष अदालत ने बार काउंसिल द्वारा आयोजित योग्यता परीक्षा की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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