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दिल्ली-हरियाणा जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने गठित की कमेटी, 3 दिन मे मांगी रिपोर्ट
Apurva Srivastav
19 April 2021 4:59 PM GMT
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जल शक्ति मंत्रालय के सचिव इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे।
पानी को लेकर दिल्ली और हरियाणा के बीच चल रहे विवाद और विरोधाभासी दावों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वजीराबाद प्लांट में पानी की गुणवत्ता और मात्रा जांचने परखने के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कोर्ट ने कमेटी को मामले का अध्ययन करके तीन दिन मे रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट ने कमेटी को मामले का अध्ययन करके तीन दिन मे रिपोर्ट देने को कहा है। जल शक्ति मंत्रालय के सचिव इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे।
यह है विवाद
ये आदेश जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली जल बोर्ड की हरियाणा से प्रदूषित और कम पानी आने और पानी में अमोनिया की मात्रा ज्यादा होने की शिकायत पर सुनवाई के दौरान दिए। दिल्ली का यह भी कहना है कि जल स्तर काफी कम है यानी दिल्ली को हरियाणा से पर्याप्त पानी नहीं मिला रहा है। जबकि हरियाणा का कहना है कि वह जितना पानी पहले देता था उतना ही अभी भी दे रहा है।
मौके पर जाकर जांच करेगी कमेटी
पीठ ने कहा कि मामले की मेरिट पर विचार करने से पहले उचित होगा कि एक कमेटी गठित की जाए जो मौके पर जाकर जांच करके कोर्ट को तीन दिन में रिपोर्ट दे। कोर्ट ने कहा कि कमेटी वजीराबाद प्लांट में पानी की गुणवत्ता और जल स्तर देखेगी। कमेटी यह भी देखेगी कि पानी वजीराबाद और दो अन्य जगह पहुंचने से पहले क्या जल शोधन संयंत्र की ओर मोड़ दिया जाता है।
दिल्ली पुलिस गाजियाबाद पुलिस के साथ मिलकर NH-9 के एक हिस्से को खोल रही है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव, जल शक्ति मंत्रालय के सचिव, दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य, दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य, हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य और हरियाणा कृषि बोर्ड के सदस्य होंगे। जल शक्ति मंत्रालय के सचिव कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। इस मामले में कोर्ट अगले सप्ताह फिर सुनवाई करेगा।
दिल्ली ने यह दी दलील
इससे पहले दिल्ली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि रमजान और नवरात्र में पानी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक कमीशन नियुक्त हो जो वजीराबाद और हैदरपुर जाकर पानी कि स्थिति जांचे। इस पर पीठ ने पूछा कि आप किस प्वाइंट की बात कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि बल्ला प्वाइंट की जहां से यमुना हरियाणा से निकलकर दिल्ली की सीमा में प्रवेश करती है। उसी जगह अमोनिया चेक होनी चाहिए।
हरियाणा ने यह दी दलील
उधर हरियाणा के वकील ने कहा कि 2017 में भी यही जल स्तर था जो अभी है। पानी की कमी इसलिए है क्योंकि पानी जैसे ही वजीराबाद जलाशय में पहुंचता है उसे दूसरे जलाशयों की ओर मोड़ दिया जाता है। अपर यमुना रिवर बोर्ड इस चीज को देखने के लिए सक्षम अथारिटी है। न्यायमित्र मीनाक्षी अरोड़ा ने भी समस्या के समाधान के लिए दलीलें रखीं। सभी को सुनने के बाद पीठ ने वास्तविक स्थिति जानने के लिए कमेटी का गठन किया।
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