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सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा रद्द होने के बाद बंद किया मामला, केरल में कल बकरीद में मिली छूट पर सुनवाई
Deepa Sahu
19 July 2021 10:02 AM GMT
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उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने इस साल राज्य में कांवड़ यात्रा को दी गई मंज़ूरी वापस ले ली है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने इस साल राज्य में कांवड़ यात्रा को दी गई मंज़ूरी वापस ले ली है. इस जानकारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामला बंद कर दिया. कोर्ट ने इस यात्रा से कोरोना फैलने की आशंका को देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया था. जस्टिस रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह तक कह दिया था कि अगर राज्य सरकार लोगों के जीवन के अधिकार की रक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठाती तो कोर्ट खुद ज़रूरी आदेश देगा.
आज सुनवाई शुरू होते ही यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील सी एस वैद्यनाथन ने कोर्ट को बताया- "16 जुलाई को कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने बैठक बुलाई. राज्य के सभी कांवड़ संघ यात्रा स्थगित करने को सहमत हो गए हैं. ऐसे में अब इस साल यात्रा नहीं होगी. स्थानीय स्तर पर अगर श्रद्धालु मंदिर में अभिषेक करना चाहें तो उसके लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाया जाएगा."
जजों ने राज्य सरकार के हलफनामे पर संतोष जताते हुए मामला बंद किया. कोर्ट ने कहा है कि कोरोना से जुड़े नियमों के उल्लंघन की स्थिति में प्रशासन ज़रूरी कार्रवाई करे. इसके बाद केरल में बकरीद पर दी गई दुकानों को खोलने की छूट का मामला भी कोर्ट में उठा.
याचिकाकर्ता पी के नाम्बियार की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा- जिस दिन कोर्ट ने कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार से कड़े सवाल किए, ठीक उसी दिन केरल सरकार ने बकरीद पर कोविड प्रोटोकॉल में 3 दिन की रियायत का ऐलान किया. केरल में इस समय देश मे सबसे अधिक 10.96 कोरोना पॉजिटिविटी दर है. यूपी में यह दर बहुत कम है. ऐसे में कोर्ट को 18, 19 और 20 जुलाई को सभी दुकानें एयर बाजार खोलने की केरल सरकार की अधिसूचना पर संज्ञान लेना चाहिए." विकास सिंह ने कहा कि कोर्ट को तत्काल रोक का आदेश देना चाहिए क्योंकि मामले में आज और कल का ही समय है.
याचिका का विरोध करते हुए केरल के वकील ने कहा कि राज्य में पहले से लॉकडाउन खत्म हो चुका है. नियमों के साथ बाजार खुल रहे हैं. बस बकरीद पर कुछ इलाकों को विशेष छूट दी गई है. राज्य सरकार ने अब तक कोरोना को लेकर केंद्र के सभी निर्देशों का पालन किया है. उसे इस मामले में जवाब दाखिल करने का मौका दिया है. इस पर जजों ने जवाब के लिए कल सुबह तक का समय दे दिया और कहा कि कल सबसे पहले यही मामला सुना जाएगा.
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