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सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति से कहा छह सप्ताह के भीतर चार करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया, जानिए क्यों ?

Nilmani Pal
17 Aug 2021 6:52 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति से कहा छह सप्ताह के भीतर चार करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया, जानिए क्यों ?
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पीठ ने कहा, आपने समाधान समझौते

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति से मंगलवार को कहा कि वह अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है, लेकिन अपने बच्चों को नहीं। अदालत ने इसके साथ ही उसे मामले के समाधान के तहत छह सप्ताह के भीतर चार करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का भी इस्तेमाल किया और 2019 से अलग रह रहे पति-पत्नी को पारस्परिक सहमति से तलाक की अनुमति प्रदान कर दी।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों को अपने बीच समाधान के लिए तय हुईं शर्तों का समझौते के अनुरूप पालन करना होगा। सुनवाई के दौरान पति की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि मध्यस्थता कार्यवाही के तहत दोनों पक्षों के बीच समाधान सहमति बन गई है, लेकिन अलग हुई पत्नी को चार करोड़ रुपये देने के लिए उनके मुवक्किल को कुछ और समय चाहिए क्योंकि महामारी के चलते उसका कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है।
पीठ ने कहा, आपने समाधान समझौते में खुद सहमति जताई है कि जिस दिन तलाक का आदेश मिलेगा, उसी दिन आप महिला को चार करोड़ रुपये दे देंगे। अब वित्तीय बाधा की दलील ठीक नहीं है। इसने कहा, आप पत्नी को तलाक दे सकते हो, लेकिन बच्चों को नहीं। आपको उनकी देखरेख करनी होगी।
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आपको उसे (महिला) उसकी खुद की और छोटे बच्चों की देखभाल के लिए राशि देनी ही होगी। न्यायालय ने व्यक्ति को निर्देश दिया कि वह एक करोड़ रुपये एक सितंबर 2021 तक तथा शेष तीन करोड़ रुपए 30 सितंबर 2021 तक प्रदान करे।अदालत ने दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराए गए मामलों को भी खारिज कर दिया।


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