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सुप्रीम कोर्ट : POSCO के अभियुक्त को बरी करने के मामले में एमिकस क्यूरी की हुई नियुक्ती
Deepa Sahu
6 Aug 2021 9:41 AM GMT
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सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में पॉक्सो (POSCO) के एक अभियुक्त को बरी करने के विवादास्पद आदेश के मामले में वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे (Senior Advocate Siddharth Dave) को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में पॉक्सो (POSCO) के एक अभियुक्त को बरी करने के विवादास्पद आदेश के मामले में वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे (Senior Advocate Siddharth Dave) को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आरोपी की तरफ से कौन पेश हो रहा है क्योंकि कोर्ट को ये जनकरी दी गई थी कि आरोपी की तरफ से कोई वकील नहीं पेश हो रहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी की तरफ से कोई वकील नहीं है तो हमें इस मामले में एमाइकस क्यूरी को नियुक्ति करना होगा.
"एमिकस क्यूरी" (Amicus curiae) का मतलब "न्याय मित्र" होता है, यह व्यावहारिक रूप से किसी पक्ष का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, बल्कि न्यायालय की मदद करता है. इसका तात्पर्य है यदि केस में कोई पार्टी नहीं है तो वह कानून के आधार पर कोर्ट को निर्णय लेने में और केस के अन्य पहलुओं की जानकारी प्रदान करने में सहायता करे.
हालांकि अदालत पहले ही हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा चुका है. दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 जनवरी को एक फैसले में कहा था कि 'त्वचा से त्वचा का संपर्क' हुए बिना नाबालिग पीड़िता का स्तन स्पर्श करना, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पोक्सो) के तहत यौन हमला नहीं कहा जा सकता.
यौन इच्छा के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क होना चाहिए
हाईकोर्ट की नागपुर बेंच की जज पुष्पा गनेडीवाला ने अपने फैसले में कहा था कि यौन हमले की घटना मानने के लिए यौन इच्छा के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क होना चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से पिछली सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने POCSO के तहत बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का जिक्र किया था. वेणुगोपाल ने कहा था कि यह बहुत ही परेशान करने वाला निष्कर्ष है. आपको इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस फैसले को बदलने के लिए मैं इस पर याचिका दायर करूंगा या फिर आप इसका स्वतः संज्ञान लें. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया था.
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