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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: नोएडा के सेक्टर-93ए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर को गिराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। 28 अगस्त को ये ट्विन टावर गिराए जाएंगे। इससे पहले सीबीआरआई भी मंजूरी दे चुका है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने की शुरुआत में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें नोएडा में कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए सुपरटेक लिमिटेड के 40 मंजिला दो टावर को गिराने की जगह वैकल्पिक समाधान का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने एनजीओ 'सेंटर फॉर लॉ एंड गुड गवर्नेंस' पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था और निर्देश दिया था कि इस राशि को रजिस्ट्री में जमा किया जाए, ताकि कोविड से प्रभावित रहे वकीलों के परिजनों के लाभ के लिए इसका उपयोग किया जा सके।
इससे पहले केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) ने एडफिस इंजीनियरिंग को नोएडा के सेक्टर-93-ए स्थित सुपरटेक के दोनों टावर (एपेक्स-सियान) को ध्वस्त करने की मंजूरी दे दी है। बुधवार को नोएडा प्राधिकरण में एडफिस इंजीनियरिंग, सुपरटेक प्रबंधन और सीबीआरआई के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। सीबीआरआई ने एडफिस इंजीनियरिग को विस्फोटक लगाने की मंजूरी दे दी थी लेकिन सुपरटेक प्रबंधन पर संरचनात्मक ऑडिट को लेकर पेच फंसा दिया था।
सुपरटेक प्रबंधन ने अभी तक ध्वस्त होने वाले टावरों के आसपास के अन्य टावरों के संरचनात्मक ऑडिट की रिपोर्ट पेश नहीं की है। सुपरटेक प्रबंधन ने 15 अगस्त तक यह रिपोर्ट देने का दावा किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में 29 जुलाई को हुई सुनवाई में सीबीआरआई ने सुपरटेक प्रबंधन से संरचनात्मक ऑडिट की रिपोर्ट की मांगी थी और एडफिस इंजीनियरिग से कुछ जानकारियां मांगी थी।
jantaserishta.com
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