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अंधविश्वास: मृतक का हो चूका था पोस्टमॉर्टम, फिर भी लोग करते रहे जिंदा करने की कोशिश, इसके बाद...

jantaserishta.com
6 April 2021 7:10 AM GMT
अंधविश्वास: मृतक का हो चूका था पोस्टमॉर्टम, फिर भी लोग करते रहे जिंदा करने की कोशिश, इसके बाद...
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कुछ वर्ग कैसे अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं...

ओडिशा के नयागढ़ से एक ऐसी घटना सामने आई है जिससे पता चलता है कि आज भी समाज के कुछ वर्ग कैसे अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं. यहां एक गांव के लोगों ने एक मरे हुए शख्स को मंत्र-तंत्र से जीवित करने की कोशिश की. मृतक का पोस्टमॉर्टम तक हो चुका था.

विज्ञान और टेक्नोलॉजी के इस आधुनिक युग में ये हैरान करने वाली घटना नयागढ़ जिले में सारांकुल पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले बारासाही गांव में हुई. मृतक की पहचान राबी नाहक के तौर पर हुई.
दरअसल, 45 साल के नाहक ने एक स्थानीय त्योहार 'डांडा नाचा' में हिस्सा लिया था. इससे जुड़ी परम्परा के मुताबिक, नाहक ने 36 घंटे तक कुछ नहीं खाया था. दो दिन पहले नाहक के बीमार पड़ने के बाद उसे जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया, वहां उसने दम तोड़ दिया.अस्पताल प्रोटोकॉल के मुताबिक रविवार को पोस्टमॉर्टम हुआ और शव को करीबी लोगों को सौंप दिया गया. शव को गांव में लाया गया.
लेकिन वहां मृतक का अंतिम संस्कार करने की जगह गांव वालों ने एक झाड़-फूंक करने वाले को बुला लिया. उसने मंत्रों के साथ मृतक की आत्मा को बुलाना शुरू किया. गांव वालों और नाहक के घरवालों ने भी इस भरोसे में प्रार्थना करनी शुरू कर दी कि देवी काली और भगवान शिव, मृतक को माफ करेंगे और वो दोबारा जी उठेगा. आखिरकार सोमवार शाम को गांव वालों ने नाहक का अंतिम संस्कार किया.
इस संबंध में नयागढ़ के सीडीएमओ डॉ. शक्ति प्रसाद मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया, पोस्टमॉर्टम से सामने आया कि नाहक की मौत डिहाईड्रेशन की वजह से हुई जो हीट-स्ट्रोक से हुई थी.
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