पंजाब। गुरु ग्रंथ साहिब से जुड़ी बेअदबी की घटनाओं पर गुस्सा के कारण पंजाब में अकाली दल की सरकार को हार का मूंह देखना पड़ा था। हालांकि, अब इसकी संख्या में भारी गिरावट आई है। अकाली अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दोषियों को गिरफ्तार करने में विफल रहने के लिए शुक्रवार को पहली बार और करीब आठ साल बाद सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। अकाली दल के 103वें स्थापना दिवस पर अमृतसर के गुरुद्वारा शहीद बाबा गुरबख्श सिंह में एक सभा को संबोधित करते हुए बादल ने एक लिखित माफीनामा जारी किया और इसे जोर से पढ़ते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया।
हाल ही में एसआईटी की रिपोर्ट ने व्यावहारिक रूप से उन घटनाओं के लिए अकाली दल को बरी कर दिया। आपको बता दें कि 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब के फटे हुए पन्ने पाए गए थे। इसके कारण हिंसा हुई थी। बादल के इस माफीनामे को उनके द्वारा इस मुद्दे पर अंतिम प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
अकाली दल की राजनीतिक स्थिति 2015 के बाद से काफी खराब होती गई। उसे लगातार दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। 2017 में पहले कांग्रेस ने हराया। 2022 में आम आदमी पार्टी ने शिकस्त दी। तीनों कृषि कानूनों पर लंबे समय से सहयोगी रही भाजपा से अलग होने का निर्णय भी फायदेमंद साबित नहीं हुआ। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में अकाली दल को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं। इस साल की शुरुआत में अकाली को एक और झटका लगा। अकाली दल ने पार्टी के सबसे बड़े शुभंकर और राज्य के सबसे बड़े नेता प्रकाश सिंह बादल को खो दिया।