भारत

सुखबीर बादल ने की केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट की सूनवाई दौरान बदलाव की निंदा

Shantanu Roy
2 March 2023 6:19 PM GMT
सुखबीर बादल ने की केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट की सूनवाई दौरान बदलाव की निंदा
x
बड़ी खबर
चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मामले की सुनवाई के दौरान बलवंत सिंह राजोआना के संबंध में स्टैंड बदलाव की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इससे दुनिया भर के सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। यहां जारी एक बयान में सुखबीर बादल ने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक और निंदनीय है कि केंद्र सरकार ने गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर 2019 में किए गए वादे के अनुसार 9 बंदी सिंहों को रिहा नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि 8 बंदी सिंहों की रिहाई और राजोआना की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के बाद उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ। इसकी नोटिफिकेशन भी जारी की गई। भाई राजोआना की रिहाई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए केंद्र सरकार द्वारा आज सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे के बारे में बात करते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि यह सबसे बेतुका तर्क है और जमीनी हकीकत के विपरीत है। उन्होंने कहा कि यह सिख समुदाय की भावनाओं के भी विपरीत है, जो बंदी सिंहों की जल्द रिहाई चाहता है। भाई राजोआना ने बिना किसी पैरोल के उम्र कैद की सजा काट ली है और उन्हें अधिक समय तक जेल में रखना उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है। बादल ने भाजपा से यह बताने को कहा कि उसने यह सिख विरोधी कदम क्यों उठाया।
सुखबीर बादल ने कहा कि इस सरकार ने राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलकर उसकी रिहाई का रास्ता खोला था। बीजेपी बताए कि 2019 से अब तक क्या बदला है। उन्होंने कहा कि केवल एक चीज बदली है कि शिरोमणि अकाली दल का भाजपा के साथ गठबंधन था और यह एन.डी.ए. सरकार का हिस्सा था और उसने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए काम किया। गठबंधन टूटने से बंदी सिंहों की रिहाई पर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।
Next Story