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सरकारी आवास में आत्महत्या, बीडीओ ने मौत को लगाया गले

jantaserishta.com
28 April 2024 2:35 AM GMT
सरकारी आवास में आत्महत्या, बीडीओ ने मौत को लगाया गले
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सांकेतिक तस्वीर

दो दिन पहले राजस्वकर्मी ने मारपीट का आरोप लगाया था।
गढ़वा: झारखंड के बिशुनपुरा के बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा ने शनिवार को अपने सरकारी आवास की कुंडी में रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वे जेपीएससी 2010 बैच के अधिकारी थे। 48 साल के हीरक मन्ना का पैतृक घर सिमडेगा में है। रांची के हटिया सिंहमोड़ स्थित अनीश अपार्टमेंट में उनकी पत्नी और 14 वर्षीय बेटा रहते हैं। पुलिस ने बताया कि देर रात करीब 1.30 बजे पत्नी समेत अन्य परिजन बिशुनपुरा पहुंचे, तब आवास का दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा गया। इस दौरान एसडीओ, डीएसपी समेत इंस्पेक्टर जांच में जुटे थे।
बिशुनपुरा के बीडीओ हीरक पर दो दिन पहले राजस्वकर्मी जितेंद्र कुमार ने मारपीट का आरोप लगाया था। डीसी से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। श्रीबंशीधर नगर के एसडीओ ने इस मामले की जांच भी की थी। बीडीओ ने इस आरोप को निराधार बताया था।
यह खबर सुनते ही लोग हतप्रभ रह गए। सूचना पाकर लोग बीडीओ के आवासीय परिसर पहुंचे। उधर, बीडीओ के आत्महत्या करने की खबर पाकर डीसी शेखर जमुआर और एसपी दीपक कुमार पांडेय भी घटनास्थल पर पहुंचे। मालूम हो कि बीडीओ मन्ना बिशुनपुरा प्रखंड में नवंबर 2021 में योगदान दिया था। मूलत: सिमडेगा के रहने वाले बीडीओ मन्ना का रांची में सिंह मोड़ पर भी आवास था। योगदान के बाद प्रखंड परिसर स्थित आवासीय परिसर में वह अकेले रहते थे। पत्नी ज्योति खलखो हाईस्कूल की शिक्षिका बतायी जाती हैं। बेटा 14 वर्षीय रेक्स केरकेट्टा रांची में मां के साथ रहकर स्कूल में पढ़ाई करता है।
जानकारी के अनुसार, बीडीओ हीरक मन्ना शनिवार को ऑफिस नहीं गए थे। इस कारण दिन के करीब तीन बजे कुछ कर्मचारी कुछ दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराने उनके आवास पर पहुंचे। दरवाजा बंद देखा तो कई बार आवाज लगाई, लेकिन दूसरी ओर से कोई आवाज नहीं आई तो कर्मचारियों को शक हुआ। उन लोगों ने इसकी जानकारी सीओ संदीप मधेशिया को फोन कर दी। सीओ की सूचना पर थाना प्रभारी राहुल सिंह दलबल के साथ बीडीओ आवास पहुंचे। दरवाजा बंद होने के कारण खिड़की से देखा तो उनका शव रस्सी के फंदे से झूलता दिखा। डीसी शेखर जमुआर भी मौके पर पहुंचे और जानकारी ली।
उधर, मौत की सूचना पर उनके आवास के बाहर लोगों की काफी भीड़ जुट गई। आवासीय परिसर में इक्के दुक्के लोगों को ही जाने दिया गया। उधर डीसी सहित जिलेभर के पदाधिकारी मौके पर ही कैंप कर रहे थे।
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