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कोरोना की ऐसी मार: अंतिम संस्कार के लिए शवों की लगी लाइन, जलाने के लिए लकड़ी की किल्लत, गाइडलाइंस की अनदेखी
jantaserishta.com
31 March 2021 8:26 AM GMT
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फाइल फोटो
कोरोना वायरस का कहर जारी है...
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना से होने वाली मौतों के चलते राजधानी भोपाल में अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर लंबी कतार लगी रही। शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ियों की कमी आ गई।
भोपाल में मंगलवार को 18 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार हुआ है। एक दिन में कोरोना से हुई मौतों का ये दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले, 18 सितंबर को 23 मौतें हुई थीं। सरकारी रिकॉर्ड से ये मौतें गायब हैं। भोपाल में कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार भदभदा, सुभाष नगर घाट और झदा कब्रिस्तान पर हो रहा है। मंगलवार को दिनभर यहां लंबी कतार लगी रही। मुश्किल ऐसी कि अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं बची थी। लकड़ियों का भी बस एक दिन का स्टॉक बाकी है।
मार्च में इतने शवों का हुआ अंतिम संस्कार
भदभदा, सुभाष नगर घाट और झदा कब्रिस्तान पर बीते 7 दिन में 79 और 1 से 30 मार्च तक 132 अंतिम संस्कार का रिकॉर्ड दर्ज है। केवल सोमवार को 17 और रविवार को 10 कोविड शवों का दाह संस्कार हुआ। जबकि प्रशासन केवल 13 मौत का आंकड़ा बता रहा है। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के मुताबिक अस्पतालों की जानकारी पर डाटा बनता है। विश्रामघाट-कब्रिस्तान की सूची पर कुछ नहीं कह सकते।
तेज गिरफ्त में ले रहा कोरोना
राजधानी में मंगलवार को 498 नए मरीज, तो प्रदेश में 2173 संक्रमित मिले। आनंद नगर नया हॉटस्पॉट बना है। यहां एक दिन में 17 नए मरीज मिले। जबकि चार दिन में 50 केस मिल चुके हैं। फिल्म लव हॉस्टल के चार क्रू मेंबर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। प्रदेश में संक्रमण दर 10.6 फीसदी हो गई है। इससे ज्यादा दर पिछले साल सितंबर में 13.50 फीसदी थी।
बिना पीपीई किट परिजन कर रहे दाह संस्कार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल के श्मशान घाटों पर परिजन पीपीई किट जैसे बिना सुरक्षा उपकरण पहने खुद ही अंतिम संस्कार कर रहे हैं। इसी तरह, झदा कब्रिस्तान कमेटी के अध्यक्ष रेहान गोल्ड ने बताया कि यहां भी परिजनों के सहयोग से मरीजों को दफन किया जा रहा है।
लकड़ी नहीं पहुंची, तो नहीं हो पाएंगे अंतिम संस्कार
भदभदा श्मशान घाट पर टीम को कई लाशें जलती मिलीं। सामान्य दिनों में होने वाले अंतिम संस्कार की अपेक्षा अभी दोगुने अंतिम संस्कार हो रहे हैं। यही वजह है कि यहां लकड़ियों की किल्लत हो गई है। गोदाम खाली हो गया है। विश्रामघाट समिति प्राइवेट वेंडर से लकड़ी बुलाकर काम चला रही है। अभी विश्रामघाट पर सिर्फ एक दिन के उपयोग लायक लकड़ी ही बची है। अगर बुधवार यानी आज लकड़ी की खेप नहीं पहुंची, तो गुरुवार को अंतिम संस्कार नहीं हो पाएंगे।
इंदौर में 20 कोविड शव आए
इंदौर के सरकारी रिकॉर्ड में हर दिन दो से तीन कोविड मरीजों की मौत दर्ज है, लेकिन वास्तव में यह संख्या ज्यादा है। एमवाय हॉस्पिटल में बीते 24 घंटे में 20 शव मर्चुरी पहुंचे। इनमें कोविड व संदिग्धों मरीजों के शव शामिल हैं। वहीं अरबिंदो अस्पताल में भी पांच मौतों की सूचना है। बीते दो दिन से मर्चुरी में शवों की संख्या बढ़ी है।
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