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VL-SRSAM का सफल परीक्षण, हवाई खतरों को बेअसर करने में सक्षम, जानें खासियत

jantaserishta.com
24 Jun 2022 9:28 AM GMT
VL-SRSAM का सफल परीक्षण, हवाई खतरों को बेअसर करने में सक्षम, जानें खासियत
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना के युद्धपोत से एक ऐसी मिसाइल दागी है जो दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को नेस्तनाबूत कर सकती है. इसकी गति, सटीकता और मारक क्षमता इतनी घातक है कि ये रडार में भी पकड़ नहीं आता. इस मिसाइल का नाम है वर्टिकल लॉन्च-शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (VL-SRSAM). इसने कम ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को मारकर गिरा दिया.

भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने कम ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को अपनी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया. भारतीय नौसेना ने अपनी ताकतवर गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया. कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट का मतलब होता है कि राडार को चकमा देकर आ रहा विमान, ड्रोन, मिसाइल या हेलिकॉप्टर. यानी भारत को अब दुश्मन इस तरीके से भी चकमा नहीं दे सकता. भारतीय मिसाइल दुश्मन की धज्जियां उड़ा देंगी.
डीआरडीओ ने इस बात का खुलासा तो नहीं किया है कि यह मिसाइल किस युद्धपोत से दागी गई. लेकिन भारत का ये सीक्रेट हथियार बेहद घातक है. इस मिसाइल की टेस्टिंग इसलिए की जा रही है ताकि भारतीय युद्धपोतों से बराक-1 मिसाइलों को हटाया जा सके. स्वदेशी हथियार लगाया जा सके. बराक-1 (Barak-1) मिसाइल इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने मिलकर बनाई है. इस मिसाइल का वजन 98 किलोग्राम होता है.
बराक-1 (Barak-1) सरफेस-टू-एयर-मिसाइल 6.9 फीट लंबी होती है. इसका व्यास 6.7 इंच होता है. इसकी खासियत ये है कि इसकी नाक में यानी सबसे ऊपरी नुकीले हिस्से में 22 किलोग्राम वॉरहेड रखा जा सकता है. यानी विस्फोटक. आमतौर पर इसमें ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन (Blas Fragmentation) वॉरहेड लगाया जाता है. जो धमाके के साथ टारगेट को कई टुकड़ों में बांटने और छेदने के लिए बनाया जाता है.
बराक-1 (Barak-1) में दो तरफ पंख लगे होते हैं. पहले पंख मिसाइल की बीच में और दूसरे छोटे पंख नीचे की तरफ. यह अधिकतम 5.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इस घातक मिसाइल के हमला करने की रेंज 500 मीटर से लेकर 12 किलोमीटर तक होती है. यह मैक 2.1 (Mach 2.1) की गति से दुश्मन की तरफ हमला करती है. यानी 2593.08 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से. इस किसी भी जंगी जहाज से दागा जा सकता है.
भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने फिलहाल वीएल-एसआरएसएएम (VL-SRSAM) मिसाइल को कोई नाम नहीं दिया है. इसे बराक-1 की जगह जंगी जहाजों में लगाए जाने की योजना है. यह मिसाइल 154 किलोग्राम वजनी है. इसे DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर बनाया है. यह मिसाइल करीब 12.6 फीट लंबी है. इसका व्यास 7.0 इंच है. इसमें हाई-एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है. यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के जहाज या मिसाइल को मार गिरा सकती है.
वीएल-एसआरएसएएम (VL-SRSAM) मिसाइल की रेंज 25 से 30 किलोमीटर है. यह अधिकतम 12 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी गति बराक-1 से दोगुनी ज्यादा है. यह मैक 4.5 यानी 5556.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ती है. इसे किसी भी जंगी जहाज से दागा जा सकता है. हालांकि भारतीय नौसेना ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि इस मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है या नहीं. लेकिन इस मिसाइल की तैनाती इसी साल होनी संभावित है. इस मिसाइल की खासियत ये है कि ये 360 डिग्री में कहीं घूमकर अपने दुश्मन को खत्म करके ही मानती है.


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