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दुनिया के पहले 3D रॉकेट अग्निबाण की सफल लॉन्चिंग, जानें खासियत

jantaserishta.com
30 May 2024 4:19 AM GMT
दुनिया के पहले 3D रॉकेट अग्निबाण की सफल लॉन्चिंग, जानें खासियत
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ISRO ने इस लॉन्च के लिए अग्निकुल की मदद की है.
नई दिल्ली: दुनिया के पहले 3D रॉकेट अग्निबाण की सफल लॉन्चिंग हो गई है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसकी लॉन्चिंग की गई है. चेन्नई की निजी स्पेस कंपनी अग्निकुल कॉसमॉस (AgniKul Cosmos) ने इस सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डेमॉन्सट्रेटर (Agnibaan SOrTeD) रॉकेट को तैयार किया है.
बता दें कि अग्निबाण रॉकेट सिंगल स्टेज का रॉकेट है, जिसके इंजन का नाम है अग्निलेट इंजन है. यह इंजन पूरी तरह से थ्रीडी प्रिंटेड है. यह 6 किलोन्यूटन की ताकत पैदा करने वाला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन है. इस रॉकेट को पारंपरिक गाइड रेल से लॉन्च नहीं किया गया. इसने वर्टिकल लिफ्ट ऑफ किया है.
अग्निकुल के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन ने बताया कि यह एक सबऑर्बिटल मिशन है. अगर यह सफल होता है, तो हम यह जांच पाएंगे कि हमारा ऑटोपॉयलट, नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम सहीं से काम कर रहे हैं या नहीं. साथ ही हमें लॉन्चपैड के लिए किस तरह की तैयारी करनी हो वो भी पता चल जाएगा.
ISRO ने इस लॉन्च के लिए अग्निकुल की मदद की है. उसने श्रीहरिकोटा में एक छोटा लॉन्च पैड बनाया. जो अन्य लॉन्च पैड से करीब 4 किलोमीटर दूर है. यह लॉन्च पैड स्टेट-ऑफ-द-आर्ट टेक्नोलॉजी से लैस है. यहां से निजी कंपनियों के वर्टिकल टेकऑफ करने वाले रॉकेट्स को लॉन्च किया जाता है.
देश के जाने-माने उद्योपति आनंद महिंद्रा ने अग्निकुल कॉसमॉस की फंडिंग की है. अग्निकुल एक स्पेस स्टार्टअप है जिसे कुछ युवाओं ने मिलकर बनाया है. आनंद महिंद्रा ने करीब 80.43 करोड़ रुपए की फंडिंग की है. इस प्रोजेक्ट में आनंद महिंद्रा के अलावा पाई वेंचर्स, स्पेशल इन्वेस्ट और अर्थ वेंचर्स ने भी निवेश किया है.अग्निकुल कॉसमॉस की शुरुआत साल 2017 में हुई थी. इसे चेन्नई में स्थापित किया गया. इसे श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एसआर चक्रवर्ती ने मिलकर शुरू किया था. अग्निबाण 100 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को धरती की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम है.
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