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IAS अफसर की सफलता की कहानी, तीन बार हुए फेल और चौथी बार में बने टॉपर

Admin2
21 July 2021 3:30 PM GMT
IAS अफसर की सफलता की कहानी, तीन बार हुए फेल और चौथी बार में  बने टॉपर
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तीन बार सिविल सर्विसेज (Civil Services) के लिए तैयारी की, लेकिन तीनों बार प्रीलिम्स (Prelims) क्लियर नहीं हो सका. लेकिन न हिम्मत हारी और न मेहनत छोड़ा. चौथी बार फिर प्रयास (Attempt) किया और इस बार प्रीलिम्स क्या, सीधे यूपीएससी (UPSC) में टॉप (Top) कर दिया. सक्सेस स्टोरी के अपने इस सेक्शन में आज हम बात कर रहे हैं बिहार (Bihar) के आनंद वर्धन (Anand Vardhan) की. आनंद यूपीएससी की तैयारी कर रहे नए युवाओं के लिए वाकई प्रेरणा (Inspiration) और एक मिसाल हैं. चलिए जानते हैं आनंद वर्धन की सफलता की कहानी (Success Story).

आनंद वर्धन बिहार (Bihar) के सिवान (Siwan) जिले से ताल्लुक रखते हैं. उनकी शुरुआती शिक्षा सिवान से ही हुई. इसके बाद आनंद ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से इंजीनियरिंग (Engineering) की डिग्री (Degree) ली. आनंद पढ़ाई में हमेशा अच्छे रहे. डिग्री के तुरंत बाद उन्हें अच्छी जॉब (Job) भी मिल गई. जॉब करने के दौरान ही उनके मन में यूपीएससी (UPSC) क्लियर करने का खयाल आया. इसके चलते उन्होंने नौकरी करते-करते सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए यूपीएससी की वीकेंड क्लासेज जॉइन कर ली.

आनंद वर्धन जॉब के साथ ही सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे. इसके चलते उन्हें पढ़ाई (Study) का पूरा समय नहीं मिल पाता था. इसके चलते वे शुरुआती तीन प्रयासों में फेल (Fail) भी हुए. यहां तक कि वे तीनों बार प्रीलिम्स (Prelims) तक क्लियर नहीं कर सके. लेकिन न उन्होंने हिम्मत हारी और न ही अपनी मेहनत छोड़ी. वे तैयारी करते रहे. इसका नतीजा ये हुआ कि चौथी बार में आनंद ने न सिर्फ प्रीलिम्स क्लियर किया, बल्कि वे यूपीएससी के टॉपर्स (Toppers) में शुमार हुए.

आनंद वर्धन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए कोचिंग (Coaching) से ज्यादा सही गाइडेंस (Guidance) को जरूरी मानते हैं. उनका कहना है कि उनका परिवार और शिक्षक हमेशा उनके साथ खड़े थे. इसलिए उन्होंने कभी हार नहीं मानी. कोचिंग किसी के लिए जरूरी है और किसी के लिए नहीं. लेकिन हर किसी मे सेल्फ कॉन्फिडेंस (Self Confidence) होना जरूरी है. तभी आप मुश्किलों से पार पा सकते हैं.

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