यूपी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) ने राज्य के मछुआरा समुदाय के लिए एक बड़ी योजना का ऐलान किया है. राज्य के मछुआरों को स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए सरकार ने निषादराज नाव सब्सिडी योजना (Nishadraj Boat Subsidy Yojana) शुरू की है. इसके तहत सरकार मछुआरों को एक लाख रुपये तक की नाव खरीदने पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी देगी. इस सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू हो रही है. जानें किसे और कैसे इस योजना का लाभ मिलेगा.
यूपी सरकार ने 2022-23 के बजट में निषादराज नाव सब्सिडी योजना (Boat Subsidy) के लिए 2 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है. ये सब्सिडी मुख्य रूप से मछुआरा समुदाय की 17 उपजातियों के लिए है. नदियों के किनारे रहने वाली मछुआरों की एक बड़ी आबादी को इस स्कीम का फायदा होगा. सरकार का कहना है कि इससे राज्य में मछली निर्यात (Fish Export) को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
इस सब्सिडी योजना का लाभ निषाद समुदाय के उन लोगों को मिलेगा, जो मछली पकड़ते हैं या नाव चलाते हैं. इनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकार नाव खरीदने में इनकी मदद करेगी. इस स्कीम का लाभ लेने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी. निषादराज नाव सब्सिडी योजना के तहत आवेदन करते वक्त आधार कार्ड, बैंक पासबुक, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज की फोटो की जरूरत पड़ेगी.
इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश का नागरिक ही ले सकता है. व्यक्ति को निषाद समुदाय का मछुआरा अथवा नाविक होना जरूरी है. निषादराज नाव सब्सिडी योजना के लिए आवेदन करने की न्यूनतम उम्र 18 साल है. उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस स्कीम के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत अगर कोई मछुआरा एक लाख रुपये में नाव खरीदता है, तो उसे 40 हजार रुपये की रकम सरकार की ओर से दी जाएगी. ऐसे में मछुआरे को 60 हजार में अपनी नाव मिल जाएगी.
केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मत्स्य संपदा योजना चला रही है, जिसके तहत मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है.इसके तहत किसानों को मछलीपालन के लिए ऋण और निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति और महिलाओं को मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. वहीं अन्य सभी को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है.