नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जेएनयू के छात्रसंघ कार्यालय में एक पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसके बाद उस चित्र को कार्यालय में ही लगे अन्य चित्रों के साथ लगा दिया गया। थोड़ी देर बाद वामपंथी छात्र संगठनों के लोगों ने वहां पहुंचकर शिवाजी की फोटो और फूलमाला उठाकर कचरे में फेक दिया। जब विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने दोबारा दीवार पर फोटो लगाने का प्रयास किया तो उनके साथ लेफ्ट छात्र संगठनों से जुड़े लोगों ने मारपीट की। गौरतलब है कि छात्रसंघ कार्यालय में पहले से ही लाखों लोगों के हत्यारे विदेशी लेनिन कार्ल मार्क्स और कई भारतीय विचार विरोधियों के चित्र सालों पहले से लगे हैं लेकिन जैसे पिछले साल महाराणा प्रताप और अब शिवाजी का फोटो लगाया गया
यह वामपंथी संगठनों को रास नहीं आया और उन्होंने हिंसक विरोध किया। हमले में एबीवीपी के कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आई हैं जिनको सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया है। वामपंथियों का चरित्र ही अराजक है। वह अपने अलावा किसी और को सहन नहीं कर सकते हैं। जैसे ही जेएनयू में शिवाजी और महाराणा प्रताप के विचारों पर बात हुई ये लोग सहन नहीं कर पाए और हमेशा की तरह हमला करने पर उतारू हो गए। अभाविप जेएनयू जेएनयू में भारतीय महापुरुषों को विचारों के प्रसार और उनके सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है।
बता दें बीते रविवार को शिवाजी महाराज की जयंती थी। इस अवसर पर पीएम मोदी ने मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके साहस एवं सुशासन पर उनके विचारों से प्रेरणा मिलती है। सन 1630 में पैदा हुए शिवाजी को उनके पराक्रम सैन्य कौशल एवं प्रखर नेतृत्व के लिए जाना जाता है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया मैं छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके साहस एवं सुशासन पर उनके विचारों से हमें प्रेरणा मिलती है।
