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फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में स्टूडेंट को जेल, कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

Nilmani Pal
13 Nov 2024 2:30 AM GMT
फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में स्टूडेंट को जेल, कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
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यूपी। भदोही के रहने वाले एक स्टूडेंट ने फर्जी अनुसूचित जाति (SC) सर्टिफिकेट का उपयोग करके प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में MBBS में एडमिशन ले लिया. इस मामले में कोर्ट ने स्टूडेंट को सात साल की जेल की सजा और 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.

दरअसल अमित कुमार बिंद नाम का स्टूडेंट गोपीगंज के इब्राहिमपुर गांव का रहने वाला है. उसने पहले जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) में एडमिशन के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया था. हालांकि 23 मार्च 2010 को उसने कथित तौर पर एक फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त किया, जिसमें उनकी पहचान खटीक जाति से होने की थी. खटीक जाति एससी श्रेणी के अंतर्गत आती है. एसपी मीनाक्षी कात्यान ने कहा कि अमित कुमार बिंद ने 2018 में एससी कोटा के तहत मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कार्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए इस प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ये मामला तब सामने आया जब गोपीगंज इलाके के रहने वाले विजय बहादुर उर्फ विश्राम सिंह ने 7 जून 2018 को एक शिकायत दर्ज कराई. जांच के बाद अमित कुमार बिंद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. एसपी ने कहा कि FIR दर्ज होने के बाद मेडिकल कॉलेज ने बिंद का एडमिशन कैंसिल कर दिया और उसे निष्कासित कर दिया.

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