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पुलिस को मिली कड़ी फटकार, जानें क्या हुआ ऐसा?

jantaserishta.com
6 July 2022 3:02 AM GMT
पुलिस को मिली कड़ी फटकार, जानें क्या हुआ ऐसा?
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान/भाषा

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक (Facial Recognition Technology) के इस्तेमाल पर आरटीआई के सवालों 'बिल्कुल गलत' जवाब देने पर दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। सीआईसी ने कहा है कि जवाब में कानूनी खामियां हैं और इससे यह पता चलता है कि दिमाग का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया।

आयोग ने दिल्ली पुलिस को जांच में चेहरे का पता लगाने वाली तकनीक के उपयोग, तकनीक की सटीकता दर, तुलना के लिए संदर्भित डेटाबेस और क्या इसका उपयोग उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे की जांच सहित अन्य मामलों किया गया था, के बारे में जानने के लिए आरटीआई आवेदनों पर संशोधित जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
यह मामला अनुष्का जैन द्वारा दायर सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तीन आवेदनों से संबंधित है, जिन्होंने पुलिस द्वारा मामलों की जांच और ट्रैफिक मैनेजमेंट में प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में जानना चाहा था।
दिल्ली पुलिस ने आरटीआई कानून की एक धारा का हवाला देते हुए सूचना देने से इनकार कर दिया, जो वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार रहस्य या बौद्धिक संपदा से संबंधित रिकॉर्ड के प्रकटीकरण और ऐसी चीजों के प्रकटीकरण से छूट देती है, जिससे किसी तीसरे पक्ष की प्रतिस्पर्धी स्थिति को नुकसान पहुंचे।
मुख्य सूचना आयुक्त वाई.के. सिन्हा ने अपने फैसले में कहा कि सभी तात्कालिक मामलों में प्रतिवादी लोक प्राधिकरण (दिल्ली पुलिस) द्वारा आरटीआई अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को गलत रूप से लागू किए जाने के मद्देनजर, पीआईओ को भविष्य में आरटीआई आवेदनों से निपटने में सावधानी बरतने की चेतावनी दी जाती है।
सिन्हा ने कहा कि आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 8(1)(डी) के प्रावधान को सूचना से वंचित करने के लिए लागू नहीं किया जाना चाहिए था क्योंकि इससे किसी तीसरे पक्ष की प्रतिस्पर्धी स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। इस प्रकार, पीआईओ (लोक सूचना अधिकारी) द्वारा दिए गए उत्तर तथा इन्हें गलत तरीके से बहाल रखने का एफएए (प्रथम अपील अधिकारी) का आदेश कानूनी कमजोरियों से ग्रस्त है और संकेत देता है कि पीआईओ या एफएए द्वारा दिमाग का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया।
जैन ने पुलिस से यह भी जानना चाहा था कि क्या तकनीक का उपयोग शुरू करने से पहले कोई गोपनीयता प्रभाव मूल्यांकन किया गया था। सीआईसी ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह आरटीआई अधिनियम के सही प्रावधानों के तहत सटीक सूचना उपलब्ध कराए।


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