भारत में लंबे समय से गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करना गैरकानूनी है. अब केरल में पुलिस ने वाहन चलाते समय फोन पर बात करने के लिए हैंड्स-फ्री डिवाइस का उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं. जैसे-जैसे देश भर में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है, लोग अधिक आवागमन कर रहे हैं, इससे दुर्घटना के मामलों में भी वृद्धि हो रही है. इसलिए केरल पुलिस अब उस कानून को लागू करेगी जिसे 2019 में वापिस ले लिए गया था. नई दिल्ली. भारत में लंबे समय से गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करना गैरकानूनी है. अब केरल में पुलिस ने वाहन चलाते समय फोन पर बात करने के लिए हैंड्स-फ्री डिवाइस का उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं. जैसे-जैसे देश भर में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है, लोग अधिक आवागमन कर रहे हैं, इससे दुर्घटना के मामलों में भी वृद्धि हो रही है. इसलिए केरल पुलिस अब उस कानून को लागू करेगी जिसे 2019 में वापिस ले लिए गया था.
कानून में किया गया ये संशोधन - 2019 में, MVD ने ब्लूटूथ डिवाइस पर कनेक्टिविटी को रोक लगाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम 2019 के केंद्रीय मोटर वाहन नियम 21 (25) का इस्तेमाल किया था. केरल हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि पुलिस किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकती जो फोन पर चैट करते समय गाड़ी चला रहा हो. हाई कोर्ट के मुताबिक, कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाता हो.
हालांकि, अधिकारी अब केरल पुलिस अधिनियम की धारा 118 (E) का उपयोग कर किसी पर फोन पर चैट करते समय ड्राइविंग करते समय कार्यवाही कर सकती है. धारा 118 (E) का इस्तेमाल गलत तरीके से गाडी चलाने, जनता को खतरे में डालने और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए किया जा सकता है.
ड्राइविंग करते समय फ़ोन पर ब्लूटूथ या हैंड्स-फ्री डिवाइस का इस्तेमाल करने का मतलब अपना ध्यान ड्राइविंग की जगह कहीं और भंग करना है. ऐसा करने से आपका ध्यान सड़क से हट जाता है, जो दुर्घटना का कारण बन सकता है. ऐसे में टेक्स्टिंग और ड्राइविंग और भी जोखिम भरा हो सकता है.