भारत
कोविड-19 में मददगार दवा की जमाखोरी पर होगी सख्त कार्रवाई : महाराष्ट्र सरकार
Apurva Srivastav
8 April 2021 6:16 PM GMT
x
महाराष्ट्र सरकार ने रेमडेसिविर की कीमत प्रति शीशी 1100 रुपये से 1400 रुपये तय करने का फैसला किया है
महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने रेमडेसिविर की कीमत (Remdesivir Price) प्रति शीशी 1100 रुपये से 1400 रुपये तय करने का फैसला किया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की अधिकतम कीमत में कटौती करने की घोषणा की है. उन्होंने साफ कर दिया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत 1400 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. टोपे ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में तेज बढ़ोतरी की वजह से राज्य को रोज रेमडेसिविर की 1.5 लाख इंजेक्शन की जरूरत पड़ सकती है जिसके लिए उत्पादन में तेजी लानी होगी.
दरअसल कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के इलाज में इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है. टोपे ने कहा कि राज्य में 1100 रुपये से 1400 रुपये के बीच यह दवा उपलब्ध होनी चाहिए. उन्होंने रेमडेसिविर की जमाखोरी करने वाले विक्रेताओं को भी कार्रवाई के प्रति आगाह किया है और डॉक्टरों से इंजेक्शन का सही तरीके से इस्तेमाल करने को कहा है. उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर के निर्माताओं को सीधे सरकारी अस्पतालों में इसकी सप्लाई करनी चाहिए. जिलाधिकारियों के पास भेजी गयी खेप निजी अस्पतालों को भेजी जाएगी क्योंकि ऐसी व्यवस्था से कालाबाजारी पर रोक लगेगी.
हर जिले एक टीम बनाने का आदेश
टोपे ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री अधिक मूल्यों पर करने से रोक लगाने के लिए हर जिले में एक टीम भी बनाने को कहा है. उन्होंने कहा कि फिलहाल 50,000 शीशियों की सप्लाई की गई है और अस्पतालों में रोजाना के आधार पर इनका इस्तेमाल होगा. अमेरिका की बायोटेक कंपनी गिलियड साइंसेज ने साल 2014 में एंटीवायरल रेमडेसिविर मेडिसिन बनाई थी. इस दवा का ज्यादातर इस्तेमाल इबोला बीमारी के लिए गया था.
Next Story