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बायोडायवर्सिटी पार्क के रूप में विकसित होंगी स्ट्रीट स्केपिंग परियोजनाएं

Admin2
21 Dec 2022 1:54 PM GMT
बायोडायवर्सिटी पार्क के रूप में विकसित होंगी स्ट्रीट स्केपिंग परियोजनाएं
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नई दिल्ली: दिल्ली के लोक निर्माण विभाग के स्ट्रीट स्केपिंग प्रोजेक्ट को मिनी बायोडायवर्सिटी पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत सैंपल स्ट्रेच पार्क बनाए जाएंगे साथ ही ऐसे पौधे भी लगाए जाएंगे। जिन पर आकर्षित होकर तितलियां आती हैं। इसके साथ ही इन पार्कों में औषधीय गुणों वाले पेड़-पौधे भी लगाए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वसंत कुंज के सूरजमल विहार, नेलसन मंडेला रोड और वजीराबाद में बनाए जा रहे सैंपल स्ट्रेच में तितली पार्क बनाए जाएंगे। इसके अलावा नेहरू नगर,अरविंदो रोड, और चिराग दिल्ली में सैंपल स्ट्रेच पर ये तितली पार्क विकसित किए जाएंगे। पीडब्ल्यूडी की ये पहल काफी सराही जा रही है। इस तरह के पार्कों की विकसित होने से दिल्ली में हरियाली भी बढ़ेगी।
आपको बता दें कि सबसे बड़े सैंपल स्ट्रेच में लगभग पांच तितली पार्क बनाए जाएंगे। रिंग रोड पर मोती बाग से लेकर मायापुरी के बीच राजधानी का सबसे बड़ा सैंपल स्ट्रेच बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई करीब नौ किलोमीटर है। इसे माडल रोड के रूप में तैयार किया जा रहा है। इस पर साइकिल ट्रैक, पार्क, फव्वारा, जनसुविधा केंद्र, ओपन रेस्त्रां, ओपन थिएटर, ईवी चाजिर्ंग स्टेशन, ईवी बैट्री स्वाइपिंग स्टेशन, इनफारर्मेशन कियोस्क, सेल्फी प्वाइंट, वाटर एटीएम, मिनी प्लाजा, ले-बाइ, छोटे-छोटे पार्क बनाए जा रहे हैं। पूरे सैंपल स्ट्रेच के किनारे बनी दीवारों को ग्रेनाइट पत्थर से संवारा जा रहा है। डिजाइनर एलईडी लैंप व बेंच के साथ ही रंग-बिरंगी टाइलें भी लगाई जा रही हैं।
पीडब्ल्यूडी के स्ट्रीट स्केपिंग डिपार्टमेंट की ओर से बनाए जा रहे इस सैंपल माडल रोड पर बैठने के लिए पत्थर के बेंच, डिजाइनर लाइटें, फव्वारा आदि लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस नौ किलोमीटर के रोड पर बीच-बीच में पांच तितली पार्क भी विकसित किए जायेंगे।
मोती बाग-मायापुरी सैंपल माडल रोड राजधानी की पहली ऐसी सड़क बनेगी जिस पर बच्चों के खेलने के लिए चिल्ड्रन प्ले जोन और लोगों के एक्सरसाइज के लिए ओपन जिम बनाया जा रहा है। यहां खेलने आने वाले बच्चों को प्रकृति के करीब लाने और उन्हें तितली, चिड़िया, कीट-पतंगों और वनस्पतियों से परिचित कराने के लिए यहां वैसा ही वातावरण तैयार किया जा रहा है। इन तितली पार्कों में जिन तितलियों को पाला जाएगा उनसे संबंधित पूरी जानकारी फोटे के साथ इनफारर्मेशन कियोस्क पर प्रदर्शित की जाएगी।
हर प्रजाति की तितली का अपना होस्ट प्लांट होता है। यानि जो तितली जिस पेड़-पौधे पर अंडे देती है, उसका कैटरपिलर उसी पेड़ की पत्तियां खाता है। तितली भोजन नहीं करती है। यह फूलों से नेक्टर (फूलों का रस, पराग) चूसती है। इससे उसे ग्लूकोस व सुक्रोस मिलता है। मादा तितली की पानी की जरूरत भी इसी से पूरी हो जाती है। हालांकि नर तितली जमीन से मड पडलिंग (मिट्टी से नमी हासिल करना) से पानी की कमी पूरी करता है। इससे उसे एक्स्ट्रा हार्मोंस भी मिल जाता है। वहीं, पत्थर पर बैठकर ये मिनिरल्स व सॉल्ट प्राप्त करते हैं। मादाओं को आकर्षित करने के लिए नर को अधिक हार्मोन की जरूरत होती है। तो इस प्रकार दिल्ली को सजाने और संवारने का काम तेजी से चल रहा है।
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