एमपी। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सड़कों पर घूमते आवारा कुत्ते मुसीबत बनते जा रहे हैं और यह कुत्ते सबसे बड़ा खतरा बच्चों के लिए है। बच्चों पर कुत्तों के लगातार बढ़ते हमले चिंता में डालने वाले हैं। बीते दिनों एक चार साल की मासूम पर कुत्तों के हमले का मामला सामने आया है। यह वाक्या है कोलार क्षेत्र के दानिश इलाके का। यहां पर कुत्तों के झुंड ने चार साल की बच्ची को काट लिया और उसके हाथ से मांस तक निकाल लिया। इससे पहले अगस्त माह में भी कोलार इलाके में ही एक बच्ची पर कुत्तों ने हमला कर दिया था और उसकी आंख को नुकसान पहुंचाया था।
इससे पहले जून में भी एक मामला सामने आया था जो निशातपुरा थाना क्षेत्र का था। यहां का एक बच्चा साइकिल चलाने रात को घर से बाहर निकला, मगर लौट कर नहीं आया। जब उसकी खोज की गई तो वह खून से लथपथ मिला। आशंका इस बात की जताई गई थी कि उस पर भी कुत्तों ने हमला किया और बाद में उसकी जान चली गई। राजधानी में आए दिन कुत्तों द्वारा बच्चों पर हमले के मामले सामने आते रहते हैं। आंकड़े बताते हैं कि लगभग आठ साल पहले राजधानी में 35 हजार आवारा कुत्ते थे, जिनकी संख्या बढ़कर डेढ़ लाख के करीब पहुंच रही है। इतना ही नहीं आवारा कुत्तों की नसबंदी पर इसी अवधि में 11 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की गई है।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि, कोलार के जिस इलाके से आवारा कुत्ते के द्वारा बच्ची को काटने का मामला सामने आया था वहां से पांच कुत्तों को पकड़ा गया है। इतना ही नहीं जहां के रहवासी शिकायत करते हैं तो कार्यवाही की जाती है, वही आवारा कुत्तों को पकड़ने का निरंतर काम चल रहा है। वहीं नगर निगम के इस अभियान में कई बार श्वान प्रेमी भी बाधा खड़ी कर देते हैं। ऐसी ही बात कोलार के दानिश क्षेत्र में सामने आई है, जहां पर बच्ची पर कुत्ते ने हमला किया और जब नगर निगम का अमला उस इलाके में कुत्ते को पकड़ने गया तो पशु प्रेमी महिला सामने आ गई और उसने बाधा भी खड़ी की।