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भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं समस्या का सबब बन गई है, इन्हें रोकना चुनौती है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रणनीति बनाई गई है। इसके लिए राज्य-स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में कानून प्रवर्तन एजेन्सियों को सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये दोषियों को चिन्हांकित कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिये विभिन्न सड़क निर्माण एजेन्सी, परिवहन और पुलिस को समन्वयपूर्वक कार्य करने की हिदायत दी गई। परिवहन आयुक्त एस.के. झा ने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिये जरूरी है कि मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। इसमें परिवहन विभाग और पुलिस समन्वयपूर्वक कार्य कर जिम्मेदारी से अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन करें, जिससे आमजन की जानमाल की सुरक्षा हो सके।
उन्होंने कहा कि ओवर लोडेड और तेज गति से वाहन संचालन पर कड़ी कार्रवाई करें। मादक पदार्थों का सेवन और शराब पीकर वाहन चलाने वालों के साथ बिल्कुल भी रियायत नहीं बरती जाये। बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट के वाहन संचालन करने वालों को नियमानुसार दण्ड के साथ ही चेतावनी और समझाईश भी दी जाये। सभी विभागों के नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि राज्य स्तर से मातहत कार्यालयों के अधिकारी-कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनने संबंधी निर्देश जारी करें।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई जी. जनार्दन ने सड़क निर्माण एजेन्सियों को मार्ग संकेतक लगाने, यदि खराब हैं तो उन्हें दुरूस्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सड़कों पर आवश्यकतानुसार रम्बल स्ट्रीप बनाया जाना सुनिश्चित करें। जिन स्थानों पर माकिर्ंग खराब हो गई उसे तत्काल दुरूस्त किया जाये।
जनार्दन ने कहा कि मार्ग संकेतकों की सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बैठक में स्कूली पाठयक्रम में सड़क सुरक्षा संबंधी पाठय सामग्री को शामिल करने के साथ ही उच्च शिक्षा में वाहन संचालन के लिये प्रशिक्षण के प्रबंध करने के निर्देश भी दिये गये।
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