मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां लैब्राडोर नस्ल के एक कुत्ते के मालिकाना हक के विवाद में कुत्ते का डीएनए टेस्ट कराया गया और आखिरकार इसके नतीजे आ गए हैं। रिपोर्ट शादाब खान नाम के पत्रकार के पक्ष में आई है और अब इसे 'कोको' के नाम से जाना जाएगा। बीते साल नवंबर में दो लोगों ने कुत्ते पर दावा किया था और कुत्ते ने भी दोनों को पहचानने का संकेत दिया तो पुलिस भी पसोपेशे में पड़ गई थी। इसके बाद पुलिस ने कुत्ते का डीएनए टेस्ट करवाने का फैसला लिया था।
पत्रकार शादाब खान ने कहा था कि वह कुत्ते को हिल स्टेशन पचमढ़ी से लाए थे, वहीं एबीवीपी से जुड़े कार्तिक शिवहरे ने बताया कि वह कुत्ते को बाबई से लाए थे। दोनों जगहें होशंगाबाद जिले में हैं। होशंगाबाद एसपी संतोष सिंह गौड़ ने बताया कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को कुत्ता शादाब खान को सौंप दिया गया है। शादाब ने कहा कि वह सात महीने बाद अपने कुत्ते को पाकर काफी खुश हैं। नवंबर 2020 में जर्नलिस्ट शादाब खान ने दावा किया था कि अगस्त में उनका कुत्ता कोको खो गया है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता कार्तिक शिवहरे ने उनका कुत्ता चुराया है। उन्होंने पुलिस को बताया था कि कुत्ता शिवहरे के घर पर है।
इसके एक दिन बाद शिवहरे कागजात के साथ थाने पहुंचे और दावा किया कि वह कुत्ता उनका है और उसका नाम टाइगर है। शिवहरे ने दावा किया कि उन्होंने यह कुत्ता इटारसी से खरीदा है। दोनों ही पक्ष अपने-अपने दावों पर अड़े थे और कुत्ता भी दोनों को जानने का संकेतत दे रहा था। रिपोर्ट आने तक कुत्ते को शिवहरे के पास ही छोड़ा गया था। इसके बाद डीएनए सैंपल हैदराबाद की फॉरेंसिक लैब में भेजे गए। बीते हफ्ते पुलिस को रिपोर्ट मिली जिसमें पता लगा कि कुत्ते का डीएनए पंचमढ़ी वाले कुत्ते से मेल खाता है। हालांकि, पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है कि कुत्ते को किसने चुराया।