x
झारखंड के साहिबगंज में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है
झारखंड के साहिबगंज में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. पिछले दिनों साहिबगंज के सदर अस्पताल (Sahib Ganj Hospital) में एक विकृत बच्चे ने जन्म लिया था. कुछ लोग इसे एलियन (Alien) बता रहे थे,लेकिन कुछ लोग इसे विकृत बता रहे थे, तो कुछ लोग इसे ईश्वर की महिमा बता रहे थे. हालांकि कुछ देर में ही नवजात की मौत हो गई. परिवार बोरियो थाना क्षेत्र के बांस पहाड़ का रहने वाला है.
घटना 14 अगस्त की शाम साहिबगंज के सदर अस्पताल की है. मां के पेट से एक अजीबो गरीब बच्चे ने जन्म लिया था. बच्चे की शक्ल और शरीर दूसरे बच्चों से काफी अलग थी. बच्चे के जन्म के बाद सदर अस्पताल में यह चर्चा का विषय बन गया था. हालांकि, बच्चा कुछ ही घंटे जिंदा रहा.उसे सपोर्टिव ट्रीटमेंट दिया गया लेकिन इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया.
हार्लेक्विन इक्थियोसिस बीमारी से पीड़ित था बच्चा
शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है यह जेनेटिक बीमारी है. यह माता-पिता दोनों में हो सकता है. इसका असर बच्चे पर पड़ता है. इस तरह का केस लाखों में एक देखने को मिलता है. बीमारी के चलते शरीर का पूरा विकास नहीं हो पाता. बच्चे को सपोर्टिंग ट्रीटमेंट दिया जा सकता है, लेकिन जीने की संभावना बहुत कम रहती है. डॉक्टर के मुताबिक इस बीमारी का नाम है हार्लेक्विन इक्थियोसिस. इस बीमारी से ग्रस्त बच्चे की त्वचा सख्त और विकृत होती है. शरीर पर अजीबो गरीब निशान रहते हैं.
ऐसे बच्चों की जीवित रहने की बहुत ही कम रहती है संभावना
अब तक हुए रिसर्च के मुताबिक ऐसे बच्चे के जीवित रहने की संभावना सिर्फ 5% तक होती है. डॉक्टर ने बताया कि इस तरह का केस साहिबगंज में कई साल पहले आया था. उस बच्चे की मौत भी कुछ घंटों के बाद हो गई थी. यह दुर्लभ बीमारी है. यह बीमारी किसी को भी हो सकती है लेकिन ज्यादातर केस जो आए हैं उसमें गरीब परिवार में जन्मे बच्चे में ऐसी विकृति देखने को मिली है. दुनिया में अब तक सिर्फ 200 से 250 केस रिपोर्ट किए गए हैं. इस मामले में बड़ी बात यह है कि दंपती को चार बच्चे हुए हैं, जिसमें तीन की मौत जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से हुई है. दो बच्चों की मौत पहले ही हो चुकी थी. 14 अगस्त को तीसरे बच्चे की मौत हो गई. एक बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित है.
Next Story