व्यापारी पति की अजीबोगरीब करतूत, पत्नी और बेटे को पुलिस ने छुड़ाया
यूपी। चित्रकूट से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक व्यक्ति ने अपने परिवार को घर में कैद करके रखा हुआ था. पेशे से व्यापारी काशी केसरवानी के बारे में पता चला कि पिछले तीन साल से उसने अपनी पत्नी और बच्चों को घर के बाहर ही नहीं आने दिया है. यही नहीं, घर के रोशनदान और खिड़कियां पूरी तरह पैक करके रखी गई थीं. बच्चों की पढ़ाई तक छुड़वा दी गई थी और घर का सामान काशी ही लेने जाया करता था. पत्नी और बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) घर में कैद रहते थे. चित्रकूट आए रिश्तेदारों ने जब घर के दरवाजे पर ताला लगा देखा तो पड़ोसियों की मदद से पुलिस को बुलाया. ताला खोलकर घर के अंदर पहुंचे तो वहां का नजारा देर उन लोगों की रूह कांप गई. दरअसल, चित्रकूट के कर्वी कोतवाली के अंतर्गत आने वाले तरौंहा कस्बे में रहने वाले व्यापारी काशी केसरवानी और उसके परिवार को चाइल्ड लाइन और पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है.
चाइल्ड लाइन टीम की दीपा शुक्ला के मुताबिक, तरौंहा में दुर्गाकुंज निवासी काशी केसरवानी ने 45 वर्षीय पत्नी पूनम, 13 साल के पुत्र रजत और 14 साल की पुत्री अर्शिता को पिछले तीन साल से घर के अंदर कैद कर रखा था. बीते दिनों ही काशी का साला अपनी दूसरी बहन और जीजा के साथ चित्रकूट आया था. मगर, घर पर ताला लगा हुआ था. उन लोगों ने काशी के पड़ोसियों की मदद से चाइल्ड लाइन और पुलिस को इस बारे में जानकारी दी. जब सभी लोग घर के अंदर गए तो अंदर की हालत देखकर हैरान रह गए. चाइल्ड लाइन की दीपा शुक्ला ने बताया कि व्यापारी के घर में अंदर घुसने पर लगभग हर कमरे में हवन किए जाने का सामान पाया गया है. उसने एक कमरे में छोटी-सी मजार जैसी बना रखी थी और उसमें चाकू गड़ा हुआ था. दीवारों पर ॐ और 'जय माता दी' उल्टे अक्षरों में लिखा हुआ था.
व्यापारी ने अपने घर के हर खिड़की और रोशनदान को इस तरह से पैक कर दिया था कि रोशनी और हवा तक घर के अंदर नहीं पहुंच पा रही थी. व्यापारी की इस अजीबोगरीब करतूत से उसकी पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गई और बच्चे शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो गए. वह ठीक से चल फिर तक नहीं पा रहे थे.
चाइल्ड लाइन की दीपा शुक्ला के मुताबिक, टीम ने पूरे परिवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है. जहां डॉक्टरों ने पत्नी व बच्चों को इलाज के लिए प्रयागराज रेफर कर दिया है. व्यापारी काशी की काउंसलिंग कराने के बाद उसे दवाइयां खिलाई जा रही हैं.