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शिक्षक अभ्यर्थी पर लाठियां: एडीएम पाए गए दोषी, दिया गया ये आदेश, जानें मामला

jantaserishta.com
3 Sep 2022 6:59 AM GMT
शिक्षक अभ्यर्थी पर लाठियां: एडीएम पाए गए दोषी, दिया गया ये आदेश, जानें मामला
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

पटना: बिहार की राजधानी पटना में 22 अगस्त को प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी पर लाठियां भांजने का मामला सामने आया था. इस मामले में कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है. लिहाजा पटना के DM ने ADM से एक हफ्ते के अंदर इस घटना को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. दरअसल, इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था, इसमें जो युवक दिख रहा है, उसका नाम अनिसुर रहमान है. वो हाथ में तिरंगा थामे जमीन पर पड़ा है, जबकि एडीएम केके सिंह उस पर लाठियां बरसते हुए नजर आए थे. घटना के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए थे.
केस की जांच पूरी होने के बाद ADM लॉ एंड आर्डर केके सिंह को शिक्षक अभ्यर्थी पर लाठी चलाने और तिरंगे का सम्मान न करने के मामले में हुई जांच में दोषी पाया गया है. लिहाजा पटना के डीएम ने एडीएम केके सिंह से 7 दिन के अंदर जवाब मांगा है.
ये मामला 22 अगस्त को प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों और पुलिस के उन पर लाठीचार्ज से जुड़ा है. ये प्रदर्शनकारी, वो उम्मीदवार हैं, जिन्होंने प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य CTET और BTET परीक्षा क्वालिफाई तो कर ली, लेकिन सरकार इस श्रेणी में 3 साल से नौकरी नहीं दे रही. ये अभ्यर्थी प्राथमिक विज्ञप्ति जारी करने की मांग कर रहे थे.
शिक्षक अभ्यर्थी पर लाठीचार्ज का वीडियो वायरल हुआ था. इसमें एक अधिकारी प्रदर्शन में शामिल शख्स को लाठियों से पीट रहा है. वीडियो में दिख रहा था कि एक शख्स तिरंगा लेकर जमीन में पड़ा है. दूसरी तरफ नीली टोपी पहने एक अधिकारी खड़ा होकर उसको लाठियां मार रहा है. इस दौरान पिट रहा शख्स 'मार दिया, मार दिया' चिल्ला रहा था. वहीं बाकी पुलिसवाले 'अरे उठो, अरे उठो' बोलकर उसे वहां से ले जाने की कोशिश करते हैं.
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि वे 2019 से बहाली का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन बीते 3 साल से सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है. एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि सरकार बनने से पहले तेजस्वी यादव कहते थे कि पहली कैबिनेट में बहाली की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. लेकिन अभी कुछ होता नहीं दिख रहा. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि हम लोगों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है. कुछ ने कहा कि वे सोचकर आए हैं कि करो या मरो. अभ्यर्थियों ने कहा कि सातवें चरण के 1 से 8 तक के नोटिफिकेशन को लेकर सरकार सीरियस नहीं है.
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