छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में एसटीएफ का छापा, उमेश पाल हत्याकांड में जांच जारी
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यूपी। प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड को एक महीना बीत चुका है. ठीक एक महीने पहले 24 फरवरी को उमेश पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हमले में उनके दो गनर- संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह की भी मौत हो गई थी.
उमेश पाल 19 साल पहले हुए राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या हो गई थी. इस हत्याकांड में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था. राजू पाल बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे.
बहरहाल, उमेश पाल हत्याकांड के एक महीने बीत जाने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली ही हैं. जांच में पुलिस की दर्जनों टीम लगी हुई है, एसटीएफ की टीम भी है. कई राज्यों में छापेमारी और सैकड़ों संदिग्धों को हिरासत में लेने के बावजूद पुलिस कुछ खास हासिल नहीं कर पाई है. उमेश पाल हत्याकांड की जांच के लिए बनी एसटीएफ एक महीने के अंदर 9 राज्यों में छापेमारी कर चुकी है. 4 हजार से ऊपर मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए जा चुके हैं. अब तक पुलिस बिहार, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में दबिश दे चुकी है. उत्तर प्रदेश में एसटीएफ की टीम भी प्रयागराज, आगरा, बुलंदशहर, हरदोई, लखनऊ और मऊ में छापेमारी कर चुकी है.
इसके साथ-साथ नेपाल में भी तीन दिन तक एसटीएफ डेरा जमाए रही. अलग-अलग राज्यों से 600 से ज्यादा संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. इतना ही नहीं, एसटीएफ एडीजी, एक एसएसपी, तीन एएसपी, चार डिप्टी एसपी और इंस्पेक्टर समेत 16 टीमें लगी हुई हैं, एसटीएफ भी है मगर इस हत्याकांड में अब तक कुछ हासिल नहीं हो पाया है.