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हिजाब विवाद पर विदेश मंत्रालय का बयान, घरेलु मामलों में अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप अस्वीकार

jantaserishta.com
12 Feb 2022 5:28 AM GMT
हिजाब विवाद पर विदेश मंत्रालय का बयान, घरेलु मामलों में अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप अस्वीकार
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नई दिल्ली: कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर विदेशों से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. अब इस विवाद पर अमेरिका (US) ने भी अपना बयान जारी कर दिया है. भारत में मुस्लिम छात्रों की हिजाब पहनने की मांग को लेकर उठे विवाद (Hijab Controversy) के बीच अमेरिका ने कर्नाटक की आलोचना की है. कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों (Educational Institutions) में हिजाब को लेकर उपजे तनाव पर अमेरिका ने कहा कि स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाना धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है. धार्मिक कपड़ों की इजाजत देना है या नहीं, यह कर्नाटक (Karnataka) को तय नहीं करना चाहिए.



अमेरिका सरकार में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामले के राजदूत राशद हुसैन (Rashad Hussain) ने कहा, 'धार्मिक स्वतंत्रता (Religious Freedom) में लोगों को अपने धार्मिक कपड़ों को चुनने की पूरी आजादी होती है. भारतीय राज्य कर्नाटक को धार्मिक कपड़ों की अनुमति का निर्धारण नहीं करना चाहिए. स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और महिलाओं और लड़कियों को कलंकित और हाशिए पर लाता है.'
हुसैन धार्मिक स्वतंत्रता की शर्तों और नीतियों पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं. वो दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग, उत्पीड़न और भेदभाव की निगरानी के लिए विदेश विभाग के प्रयासों का नेतृत्व करते हैं. इससे पहले, पाकिस्तान (Pakistan) ने भी हिजाब विवाद पर अपना बयान जारी किया था. इमरान खान की सरकार में सूचना मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Chaudhary) ने भारत और मोदी सरकार के खिलाफ जहरीली टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा, 'मोदी के भारत में जो कुछ हो रहा है, वह डरावना है. अस्थिर नेतृत्व में भारतीय समाज तेजी से पतन की ओर बढ़ रहा है.'
फवाद चौधरी ने कहा, 'किसी भी अन्य ड्रेस की तरह हिजाब पहनना भी व्यक्तिगत पसंद का मामला है. नागरिकों को स्वतंत्र रूप से अपने फैसले लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए.' वहीं, नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने कहा कि लड़कियों को हिजाब पहनकर स्कूलों में प्रवेश करने से रोकना गलत है. पाकिस्तान के मामलों में चुप्पी साधकर बैठने वाली मलाला ने हिजाब विवाद पर कहा, 'हिजाब पहनने वाली लड़कियों को स्कूलों में प्रवेश करने से रोकना भयावह है. महिलाओं पर कम या ज्यादा कपड़े पहनने पर आपत्ति जताई जाती है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर रखना बंद करना चाहिए.'
वहीं, विवाद की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने राज्य में उच्च शिक्षा विश्वविद्यालय और कॉलेजों में छुट्टियों को बढ़ाकर 16 फरवरी तक कर दिया है. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने एक बयान में कहा कि परीक्षाएं हालांकि निर्धारित समय पर होंगी और ऑनलाइन क्लास संचालित करने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि भारत में हिजाब पर पूरा विवाद कर्नाटक राज्य में उस वक्त शुरू हुआ, जब कुछ लड़कियों ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब पहनने की वजह से कॉलेज और कक्षा में प्रवेश नहीं करने दिया गया है.
पिछले महीने कर्नाटक के उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी वीमेंस कॉलेज में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था. कॉलेज की छह छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया. इसके बाद बेलगाम में रामदुर्ग महाविद्यालय और हासन, चिकमगलुरु और शिवमोगा में शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों ने हिजाब और भगवा शॉल पहनकर नारे लगाए. यह मामला कर्नाटक हाई कोर्ट तक पहुंच गया है. जिसके बाद हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब या किसी अन्य धार्मिक पोशाक को पहनने पर फैसला आने तक प्रतिबंध लगा दिया. हाईकोर्ट ने छात्राओं से कहा कि जब तक यह विवाद सुलझ नहीं जाता तब तक वे शैक्षणिक संस्थानों में ऐसा कोई वस्त्र नहीं पहने, जिससे यह विवाद तूल पकड़ ले.
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