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राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में कटौती से किया इनकार, कही ये बात

jantaserishta.com
7 Nov 2021 5:28 PM GMT
राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में कटौती से किया इनकार, कही ये बात
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आंध्र प्रदेश सरकार ने रविवार को पेट्रोल और डीजल पर वैल्यू ऐडेड टैक्स (VAT) में किसी तरह की कटौती की संभावना से इनकार किया और केंद्र पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 3.35 लाख करोड़ रुपए वसूलने के बावजूद राज्य को पर्याप्त हिस्सा न देने का आरोप लगाया.

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने के केंद्र के फैसले के अनुरूप, विपक्षी दलों द्वारा वैट में कटौती को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाए जाने पर जगन मोहन रेड्डी नीत सरकार ने मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कई समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन दिए हैं.
राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में किसी तरह की कटौती की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि हालांकि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 3.35 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए, लेकिन उसने राज्य के हिस्से के रूप में केवल 19,475 करोड़ रुपए का वितरण किया, जो कि सिर्फ 5.80 प्रतिशत है. केंद्र को अपने द्वारा एकत्र किए गए करों का 41 प्रतिशत राज्यों को वितरित करना होता है.
विज्ञापन पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष सोमू वीरराजू ने कहा कि राज्य सरकार के दावे पूरी तरह से भ्रामक हैं. उन्होंने कहा कि जब कई अन्य राज्यों ने वैट कम किया है तो आंध्र प्रदेश सरकार के लिए ऐसा करने में क्या अड़चन है? तेलुगु देशम पार्टी ने भी विज्ञापन को 'फर्जी' बताया और कहा कि इससे केवल वैट कम न करने की राज्य सरकार की मंशा का खुलासा होता है.
कांग्रेस ने भी वैट घटाने की मांग की
पिछले साल 20 जुलाई को राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कर ढांचे को संशोधित किया, जिससे उनकी कीमत में क्रमशः 1.24 रुपए और 0.93 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई. सरकार को इससे प्रति वर्ष लगभग 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ. आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एस शैलजानाथ ने भी मांग की कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट तुरंत कम करे और लोगों पर बोझ घटाए.
हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 रुपए और 10 रुपए प्रति लीटर की कमी की और राज्यों से उपभोक्ताओं को अधिक राहत देने के लिए वैट में कटौती करने को कहा. कई राज्यों ने केंद्र की सलाह का पालन किया और वैट में कमी की गई.
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