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राज्यों की सीमा रेखा: महाराष्ट्र जल्द ही मंत्रिस्तरीय पैनल का करेगा गठन
jantaserishta.com
15 Dec 2022 8:21 AM GMT
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मुंबई (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार महाराष्ट्र जल्द ही कर्नाटक के साथ लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए अध्ययन करने और उपाय करने को मंत्रियों की एक समिति का गठन करेगा। यह बात गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कही। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार विवादित सीमा क्षेत्रों में मराठी लोगों के साथ खड़ी है, उनकी शिकायतों और समस्याओं को हल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जब तक सीमा का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, सरकार शाह के निर्देशों का पालन करेगी और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगी कि क्षेत्र में शांति बनी रहे।
बुधवार देर रात नई दिल्ली में शाह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के साथ मुलाकात के बाद दोनों की टिप्पणियां आईं।
बैठक में शाह ने कहा कि उन्होंने दोनों राज्यों को शीर्ष अदालत में मामले का फैसला आने तक यथास्थिति बनाए रखने की सलाह दी है।
उन्होंने दोनों राज्यों को दोनों पक्षों से समन्वय, विवादित क्षेत्रों का दौरा करने, अध्ययन करने और वहां के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रत्येक पक्ष से तीन मंत्रियों की एक समिति बनाने का निर्देश दिया।
शाह ने दोनों राज्यों को यह सलाह भी दी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक कोई भी राज्य एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाएगा, कोई भी राज्य एक-दूसरे पर दावे/मांग नहीं करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि स्थिति न बिगड़े।
शाह की पहल का स्वागत करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि यह देखा जाना बाकी है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री निर्देशों का पालन करेंगे या नहीं।
क्रैस्टो ने कहा, क्या सीएम बोम्मई शाह के निर्देशरें का पालन करेंगे या क्या वह अतीत की तरह अनुचित बयान देकर इसे चुनौती देंगे। जहां तक महाराष्ट्र के सीएम का संबंध है, वह वैसे भी सीमा मुद्दे पर चुप हैं जो यहां के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
अपनी ओर से फडणवीस ने दावा किया कि कुछ संगठन गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रहे थे और कहा कि केंद्र ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
उन्होंने घोषणा की कि महाराष्ट्र ने सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है, हालांकि मराठी भाषा का मुद्दा सामने आने पर या वहां मराठी स्कूलों को बंद करने का प्रयास किए जाने पर कभी-कभी लोग भड़क उठते हैं।
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