स्टार्टअप संस्थापकों ने दूर-दराज के गांवों तक डिजिटल लाभ पहुंचाने के लिए पीएम मोदी को सराहा
एमएआई लैब के तपन संगल के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ पीएम मोदी की बातचीत एक महत्वपूर्ण बिंदु - प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण को रेखांकित करती है। संगल ने कहा, "यह सिर्फ कनेक्टिविटी के बारे में नहीं है, बल्कि लाखों लोगों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के द्वार खोलने के बारे में है। यह दृष्टिकोण भारत को एक ऐसे भविष्य की ओर निर्देशित करता है, जहां कोई भी नागरिक डिजिटल दौड़ में पीछे न रहे। निडर रचनात्मकता और पोषित उद्यमशीलता नए भारत की धड़कन है।''
हाल ही में नैसकॉम की अगुवाई वाली एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई और आधार जैसे डीपीआई भारत को 2030 तक 8 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं, जिससे देश को 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। गेट्स के साथ अपनी बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने एआई से लेकर डिजिटल प्रौद्योगिकी में भारत की प्रभावशाली प्रगति तक कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इसके अलावा, उन्होंने जलवायु परिवर्तन की समस्या हल करने में भारत के सक्रिय रुख पर चर्चा की और सतत विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। जेनएआई-आधारित मार्टेक प्लेटफॉर्म डैशलॉक के सह-संस्थापक और सीईओ सुमित सिंह के अनुसार, सरकार डिजिटल क्षेत्र के भीतर कई बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को विकसित करने में सक्रिय रूप से लगी हुई है।
सिंह ने आईएएनएस को बताया, "इस समय यह विस्तार आईटी क्षेत्र से आगे बढ़कर विभिन्न गैर-आईटी क्षेत्रों को भी शामिल कर रहा है। सरकार व्यापक प्रयास कर रही है, जिसका उदाहरण किसानों के लिए ई-क्रांति, ब्रॉडबैंड हाईवे, सार्वजनिक इंटरनेट प्रावधान और रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल में संवर्द्धन जैसी पहल हैं।" इसके अलावा, एआई के क्षेत्र में कई पहलें हैं, जहां सरकार न केवल कानून बना रही है, बल्कि ग्रामीण गांवों और शहरी क्षेत्रों के बीच अंतर को पाटने के मकसद से बुनियादी ढांचे की स्थापना भी कर रही है।
सिंह ने कहा, "इसलिए, यह स्पष्ट है कि सरकार के प्रयास केवल वर्तमान पर केंद्रित नहीं हैं, बल्कि भविष्य की जरूरतों का भी अनुमान लगाते हैं और समाज और उसके लोगों के सार्वजनिक हित की सेवा करते हैं।" रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म डोजी के सह-संस्थापक और सीईओ मुदित दंडवते ने कहा कि अगला दशक और भी रोमांचक होगा, खासकर कृषि और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में, जिसमें देखभाल, खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन की समस्या हल करने और समानता लाने के लिए बड़े बदलाव की जरूरत है।
दंडवते ने कहा, "सबसे अच्छी बात यह है कि जब भारत परिवर्तन को आगे बढ़ाता है, तो यह एक वैश्विक परिवर्तन होता है। मैं एक उद्यमी के रूप में भारत में आकर धन्य महसूस करता हूं।"