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भगदड़ कांड: 121 मौतें...असली गुनहगार कौन? IAF जवान ने कही ये बात
jantaserishta.com
5 July 2024 2:41 AM GMT
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बाबा की तलाश में पुलिस की अलग-अलग स्थानों पर दबिश जारी हैं।
हाथरस: सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ ने 121 लोगों की जान ले ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई इस घटना में जान गंवाने वाले एक रिटायर्ड सूबेदार भी हैं, जिनका परिवार अब बाबा पर सवाल उठा रहा है। मृतक के बेटे का कहना है कि भगदड़ मचते ही बाबा मौके से भाग गया था। उन्होंने यह भी कहा कि वह कई लोगों की जान बचा सकता था। बहरहाल, बाबा की तलाश में पुलिस की अलग-अलग स्थानों पर दबिश जारी हैं।
भारतीय वायुसेना यानी IAF के साथ काम करने वाले 40 साल के मनमोहन के 66 वर्षीय पिता राम नरेश भी सत्संग में शामिल होने गए थे। वह यूपी के ओरैया जिले के रहने वाले थे। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कुमार इस बात पर नाराजगी जताते नजर आ रहे हैं कि अब तक बाबा के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। दरअसल, कुमार की पत्नी ने जानकारी दी थी कि ससुर फोन नहीं उठा रहे हैं। बाद में एक अन्य व्यक्ति ने घटना के बारे में कुमार को बताया।
कुमार ने कहा, 'पिता स्टेज के पास बैठे थे। जब भीड़ जाने लगी, तो किसी ने उन्हें धक्का दे दिया...। लोग उनके ऊपर से निकल गए। पिता के साथ गए गांव के एक और व्यक्ति सत्य प्रकाश ने उनकी पहचान की और इस घटना के बारे में भाई को बताया।'
अखबार से बातचीत में कुमार के छोटे भाई संदीप बताते हैं, 'अच्छी कर्मों के बारे में बात करना बहुत आसान है, लेकिन उन्हें अमल में लाना उतना ही मुश्किल। बाबा अपने सत्संग में दूसरों की मदद की बात करते थे, लेकिन जब भगदड़ मची, तो वह भाग गए। वह कई लोगों की जिंदगी बचा सकते थे।' कुमार ने जानकारी दी कि उनके पिता पहली बार करीब चार साल पहले भोले बाबा के सत्संग में शामिल हुए थे।
पिता के बाबा के भक्त बनने पर संदीप बताते हैं, 'वह आध्यात्मिक व्यक्ति थे। मैंने कभी उनके विश्वास पर सवाल नहीं उठाए...। पिता कहते थे कि जो सही है, वैसा करो। बाकी सब साकार हरि पर छोड़ दो।'
सूरज पाल की तलाश में पुलिस अलर्ट मोड में है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के लिए SIT गठन करने का भी फैसला किया है। खबरें हैं कि पुलिस को बाबा के आश्रम से संपत्ति से जुड़े कुछ दस्तावेज भी मिले हैं, जिनके अनुसार बाबा के पास करोड़ों रुपये के आश्रम और अन्य संपत्तियां हैं।
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