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श्रीलंकाई शरणार्थियों को जल्द मिल सकते है नागरिकता, CM स्टालिन ने की थी 317 करोड़ रुपए के पैकेज की एलान
Deepa Sahu
6 Sep 2021 3:13 PM GMT
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चेन्नई में एक 55 वर्षीय श्रीलंकाई शरणार्थी इस समय रह रहा है.
चेन्नई में एक 55 वर्षीय श्रीलंकाई शरणार्थी इस समय रह रहा है. वह उग्रवादी तमिल ईलम लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (TELO) का सदस्य था. युवक श्रीलंका से 1980-90 के दशक में भारतीय शांति सेना (IPKF) के सैनिक की वापसी के बाद सुरक्षा के लिए तमिलनाडु आ गया था. उसने यहीं अपने जीवन को आगे बढ़ाया और रिफ्यूजी कैंप में ही एक शरणार्थी महिला से शादी कर ली और 20 के दशक के मध्य में दो बेटों का भरण पोषण किया है.
श्रीलंकाई शरणार्थी का कहना है, 'मेरे बच्चे भारतीय मूल के हैं, जिनका जन्म तमिलनाडु में हुआ है. उनका श्रीलंका से कोई संबंध नहीं है और फिर भी उन्हें शरणार्थी कहा जाता है. चूंकि हम शिविर से बाहर रहते हैं, मुझे और मेरे बेटों को स्थानीय पुलिस स्टेशन में पंजीकरण कराना होगा. इस तरह जीने का निशान है.'
TELO लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) जैसा एक अलगाववादी उग्रवादी संगठन था, जिसने श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल राज्य के लिए लड़ाई लड़ी थी, लेकिन बाद में उनके अधिकांश कैडर का सफाया कर दिया गया था. TELO ने खुद को एक राजनीतिक दल के रूप में संगठित किया और श्रीलंकाई संसद में इसके दो सदस्य हैं. चूंकि उस समय 55 वर्षीय शरणार्थी अकेला भागकर भारत आ गया, उसका अधिकांश परिवार अभी भी वहीं रहता है.
दरअसल, राज्य में श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के बीच एक नई उम्मीद जगी है क्योंकि समुदाय के लिए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की घोषणाएं की हैं. उनका कहना है कि सीएम की घोषणाओं के जरिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में मदद मिलेगी. वे नागरिकता (संशोधन) अधिनियम यानि सीएए के तहत शामिल नहीं हैं. पिछले महीन 27 अगस्त को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने तमिलनाडु में रह रहे श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के लिए 317 करोड़ रुपए के कल्याणकारी पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें घरों का पुनर्निर्माण भी शामिल है.
तमिल शरणार्थियों के कल्याण के लिए जल्द होगा एक समिति का गठनः CM स्टालिन
स्टालिन ने कहा था कि श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के कल्याण के लिए जल्द ही एक समिति का गठन किया जाएगा, जो नागरिकता और श्रीलंका लौटने वालों के लिए व्यवस्था करने जैसे मामलों के अलावा अन्य चीजों पर दीर्घकालिक समाधान की दिशा में काम करेगी. 261.54 करोड़ रुपए शिविरों में रहने वालों के लिए घरों के पुनर्निर्माण व बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए खर्च किए जाएंगे जबकि 12.25 करोड़ रुपए शिक्षा एवं नौकरी के अवसर सुनिश्चित करने के लिए और 43.61 करोड़ रुपए उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा बाकी रकम भी शरणार्थियों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए खर्च की जाएगी. स्टालिन ने कहा था कि वर्ष 1983 से अब तक 3,04,269 श्रीलंकाई तमिल तमिलनाडु पहुंचे हैं और उनमें से 18,944 परिवारों के 58,822 लोग 29 जिलों में स्थित 108 शिविरों में हैं जबकि 34,087 लोग पंजीकरण के बाद कहीं और रह रहे हैं.
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