यूपी। बाराबंकी के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में फुटबॉल का प्रशिक्षण ले रही दो प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने जिले के प्रभारी क्रीड़ाधिकारी और कोच के खिलाफ छेड़छाड़ और उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। खिलाड़ियों का आरोप है कि चयन ट्रायल आदि में अपनी ड्यूटी लगवाकर बालिका खिलाड़ियों के साथ बैड टच करते थे।
केडी सिंह बाबू स्टेडियम में फुटबॉल का प्रशिक्षण ले रही दो बालिका खिलाड़ियों ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि राजेश कुमार सोनकर केडी सिंह बाबू स्टेडियम में पूर्व में क्रीड़ा अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे हैं। मौजूदा समय में फिर उनके पास प्रभार है। अपने पहले कार्यकाल के दौरान क्रीड़ा अधिकारी द्वारा गंदा अभद्र एवं अनैतिक व्यवहार बालिका प्रशिक्षु से किया जाता रहा। कॅरियर खराब होने के डर से किसी भी बालिका ने शिकायत नहीं की। खिलाड़ियों का आरोप है कि सोनकर विभाग में ऊंची पहुंच का फायदा उठाकर बाराबंकी में होने वाले फुटबाल संबंधी सभी प्रतियोगिताओं, चयन ट्रायल आदि में अपनी ड्यूटी लगवाकर बालिका खिलाड़ियों के साथ बैड टच करने के साथ-साथ दुराचरण का प्रयास कर शारीरिक व मानसिक रूप से उत्पीड़न करने का कार्य करते रहते हैं। लोक लाज व डराने धमकाने आदि के भय से कोई भी बालिका खिलाड़ी कभी इनके विरुद्ध इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है।
जिले में तैनात फुटबाल प्रशिक्षिका श्रद्धा सोनकर राजेश सोनकर की रिश्तेदार हैं। वह उनके आवास पर मिलते रहने का अनावश्यक दबाव बनाती हैं। उनके द्वारा कई तरह के खेलकूद में बढ़ावा दिए जाने के प्रलोभन भी दिए गए। गैर जनपद ट्रांसफर होने के बाद भी क्रीड़ाधिकारी राजेश सोनकर खेल प्रतियोगिता होने के दौरान अपनी ड्यूटी स्टेडियम में लगवाते रहे हैं। एक बार फिर से स्टेडियम का प्रभार उन्हें दिया गया है। जब हम लोगों ने इस बात की शिकायत डीएम, खेल निदेशक व फुटबाल एसोसिएशन बाराबंकी से की तो राजेश सोनकर की शह पर श्रद्धा सोनकर ने सभी बालिका खिलाड़ियों व सहयोगी बालिकाओं को स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया। इतना होने के बावजूद राजेश सोनकर को पुन: बाराबंकी का चार्ज दे दिया गया। प्रशिक्षु बालिकाओं के इस आरोप को लेकर स्टेडियम में हड़कम्प मचा हुआ है।