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सर्दियों में कोहरे के बीच यमुना एक्सप्रेस-वे पर घटाई गई वाहनों की स्पीड-वे पर हादसों की आशंका बढ़ जाती है. हादसों पर रोकथाम के लिए यमुना अथॉरिटी ने दो माह तक के लिए अधिकतम गति सीमा को कम करने का फैसला किया है. वाहनों की स्पीड लिमिट का यह आदेश 15 दिसंबर से 15 फरवरी 2023 तक लागू होगा.
अथॉरिटी के अनुसार, हल्के वाहन 100KM प्रति घंटा की बजाय 80KM प्रति घंटा की अधिकतम गति से चलेंगे. भारी वाहनों के लिए अधिकतम गति 60KM तय की गई है.
इस मामले में यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि सर्दियों में कोहरे के कारण होने वाले हादसों को देखते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे पर हर साल वाहनों की अधिकतम गति सीमा को कम करने के आदेश दे दिए जाते हैं.
बीती 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 80 किसी प्रति घंटा रहेगी. वहीं भारी वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा रहेगी. उन्होंने कहा कि सर्दियों में कोहरे के कारण हादसे बढ़ जाते हैं. इसी को लेकर हमने यह निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि अधिक गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ चालान किया जाएगा. इसको लेकर पंपलेट के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इस बार एक्सप्रेस-वे के बीच में हाई बीम लगाए गए हैं, जिसके कारण हादसों में करीब 50 प्रतिशत की कमी आई है. एक्सप्रेस वे पर चाय वगैरह की व्यवस्था भी की जाती है और टायर चेक करने, फॉग लाइट के इंस्ट्रूमेंट, स्क्रीन साफ करने के इंस्ट्रूमेंट आदि सुविधाएं दी जाती हैं.
इन समस्याओं को लेकर सरकार को भेजेंगे सुझाव
अरुण वीर सिंह ने कहा कि हालांकि गलगोटिया यूनिवर्सिटी के पास दो हादसे हुए हैं. साइड बीम की चौड़ाई डेढ़ मीटर है, जो कि काफी कम है. उसको लेकर सरकार से बात करेंगे कि चौड़ाई 2.5 से 3 मीटर हो जाए, ताकि हादसों में कमी आए. साइड बीम और बैरियर लगाने का भी सुझाव दिया जाएगा, ताकि हादसे काफी कम हो सकें.
उन्होंने कहा कि वाहन चालकों को फॉग लाइट का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए, ताकि आगे चलने वाले वाहन का पता चलता रहे. जो वाहन चालक नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.
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