रंग पंचमी पर विशेष, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारें में
हर साल चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि को रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है. होली के ठीक पांचवें दिन रंग पंचमी का त्योहार आता है. चैत्र कृष्ण पंचमी पर खेले जाने वाली रंग पंचमी देवी-देवताओं का आह्वान करने के लिए होती है. कहते हैं कि रंग पंचमी पर श्रद्धा के साथ देवी-देवताओं की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस दिन नवग्रहों की पूजा से कुंडली में छिपे बड़े से बड़े दोष को नष्ट किया जा सकता है. आज रंग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. आइए इसका शुभ मुहूर्त और पूजन विधि जानते हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की पंचमी तिथि 11 मार्च को रात 10 बजकर 05 मिनट से लेकर 12 मार्च को रात 10 बजकर 01 मिनट तक रहेगी. आज अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:07 बजे से लेकर 12:55 बजे तक रहेगी और विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 बजे से लेकर 03:17 बजे तक रहेगा. रंग पंचमी की पूजा के लिए ये दोनों ही मुहूर्त अच्छे हैं.
रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की पूजा का विधान है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा को लाल या गुलाबी रंग का गुलाल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. इसके अलावा, अन्य देवी-देवताओं को भी रंग गुलाल अर्पित किया जाता है. रंग पंचमी के दिन कमल के फूल पर बैठी लक्ष्मी नारायण के चित्र को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करें और लोटे में जल भरकर रखें. गाय के घी का दीपक प्रज्वलित कर लाल गुलाब के फूल लक्ष्मी नारायण जी को अर्पित करें. एक आसन पर बैठकर ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का तीन माला जाप करें. लक्ष्मी नारायण जी को गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं. जाप के बाद पूजा में रखा हुआ जल सारे घर में छिड़क दें. आपके घर में धन की बरकत कुछ समय बाद जरूर दिखाई देगी.
रंग पंचमी के दिन सुबह सूर्योदय के समय एक स्टील के लोटे में जल गुड़ और गंगाजल मिलाएं. ॐ श्री पितृदेवताय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें और यह जल पीपल के वृक्ष की जड़ में अर्पण कर दें. थोड़ा सा जल बचाकर घर ले आए और अपने घर में छिड़काव करें. ऐसा करने से पारिवारिक कलह क्लेश बहुत जल्दी खत्म होगा.