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सोढल मेले को लेकर जालंधर वासियों से खास अपील, सख्ती से करें अमल नहीं तो..

Shantanu Roy
7 Sep 2023 12:36 PM GMT
सोढल मेले को लेकर जालंधर वासियों से खास अपील, सख्ती से करें अमल नहीं तो..
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जालंधर। नगर निगम कमिश्नर डॉक्टर ऋषिपाल सिंह ने शहर निवासियों से अपील की है कि पंजाब सरकार ने राज्य भर में सिंगल यूज प्लास्टिक और डिस्पोजेबल आईटम्स पर जो प्रतिबंध लागू कर रखा है उस पर सख्ती से अमल किया जाए । उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी पर्व और सोढल मेले के दृष्टिगत सभी से अपील की जाती है कि वह लंगरों इत्यादि में प्लास्टिक का उपयोग न करें। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में निगम द्वारा इस मामले में अभियान चलाकर प्लास्टिक कैरी बैग इत्यादि का प्रयोग करने वालों के चालान काटे जाएंगे । होलसेलर और मैन्युफैक्चरर्स पर भी शिकंजा कसा जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार ने प्लास्टिक के लिफाफे पर प्रतिबंध लागू कर रखा है परंतु इसके बावजूद जालंधर जैसे बड़े शहरों में प्लास्टिक के लिफाफे बनाए व बेचे भी जा रहे हैं और प्रयोग में भी लाए जा रहे हैं। शहर में अगर 50 हजार से ज्यादा दुकानदार हैं तो उनमें से 45 हजार दुकानदार प्लास्टिक के लिफाफे का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा थर्मोकोल के डिस्पोजेबल, प्लास्टिक की पैकिंग का सामान तथा कटलरी इत्यादि भी सरेआम बेची जा रही है। निगम ने इन सभी व्यापारियों को खुली छूट दे रखी है।
केंद्र तथा राज्य सरकार के विभागों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इत्यादि से कई अनुमतियां लेकर बायोडिग्रेडेबल लिफाफे बनाने वाले यूनिटों के संचालकों को आस थी कि प्लास्टिक के लिफाफे पर प्रतिबंध के बाद उनका कारोबार चमकेगा परंतु ऐसा हो नहीं पाया क्योंकि जालंधर निगम जैसे सरकारी विभागों ने इस मामले में बिल्कुल ही सख्ती नहीं की। आज केवल चंद दुकानों पर ही बायोडिग्रेडेबल लिफाफे प्रयोग में लाए जा रहे हैं। नगर निगम और प्रदूषण विभाग प्लास्टिक के विरोध में कई जागृति अभियान चला चुका है परंतु सब कागजों में ही चल रहे हैं। आज भी मकसूदां सब्जी मंडी, पुरानी सब्जी मंडी, गुड मंडी, अटारी बाजार, शेखां बाजार, रैनक बाजार जैसे क्षेत्रों में हजारों दुकानदार खुलकर प्लास्टिक के लिफाफे का प्रयोग कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में ऐसे गोदाम भी हैं जहां टनों के हिसाब से प्रतिबंधित प्लास्टिक जमा है। ऐसे प्रतिबंधित लिफाफे इत्यादि सरेआम गुजरात, यू.पी, दिल्ली और अन्य शहरों से आ रहे हैं जिन पर कोई रोक टोक नहीं है। निगम ने अभी तक कॉर्न स्टार्च से बने कैरी बैग को प्रोत्साहित करने के लिए भी कोई अभियान नहीं चलाया है जिस कारण शहर में साफ सफाई की समस्या निरंतर बिगड़ती चली जा रही है।
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