रेगिस्तानों में आतंकवाद विरोधी विशेष अभियान भी होगा इस अभ्यास का हिस्सा
दिल्ली: भारत और मिस्र की सेनाएं एक साथ राजस्थान के जैसलमेर में 'अभ्यास साइक्लोन-I' में हिस्सा ले रही हैं। यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच अब तक का पहला संयुक्त अभ्यास है। इसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा रेगिस्तानी इलाके में विशेष बलों के आपसी तालमेल, संचालन और पेशेवराना कौशल को एक-दूसरे से साझा करना भी है। सैन्य अभ्यास में आतंकवाद विरोधी, टोह लगाना, धावा बोलना और अन्य विशेष अभियानों को भी शामिल किया गया है।
सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि राजस्थान के जैसलमेर में 14 जनवरी से चल रहा 'साइक्लोन-I' अभ्यास अपनी तरह का पहला सैन्य अभ्यास है, जिसमें दोनों देशों के विशेष बल संयुक्त रूप से एक मंच पर एकत्रित हुए हैं। 28 जनवरी तक चलने वाले इस सैन्य अभ्यास को खासकर राजस्थान के रेगिस्तानों में संचालित किया जा रहा है। इस दौरान दोनों देशों के उन्नत विशेष बल स्नाइपिंग, कॉम्बैट-फ्री फॉल, टोह लगाने, निगरानी करने, लक्ष्य निर्धारित करने जैसे कौशलों को साझा करने के साथ हथियारों, उपकरणों, नवाचारों, तकनीकों, रणनीतियों और प्रक्रिया संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करेंगे।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस अभ्यास में हिस्सा लेने वाले सैन्यकर्मी संयुक्त रूप से योजना बनाने, युद्धभूमि में मुकाबला करने, आतंकी ठिकानों, कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने और बड़े लक्ष्यों पर स्नाइपर-शूटिंग का भी अभ्यास करेंगे। संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं की संस्कृति को समझने में सहायता मिलेगी, जिसके आधार पर सैन्य सहयोग तथा आपसी संचालन को बढ़ाया जा सकेगा। इससे भारत और मिस्र के बीच राजनयिक रिश्ते भी और मजबूत होंगे।