ये दर्दनाक वाकया गोंडा जिले का है, जहां पर पुलिस का न्याय देखने को मिला. आमतौर पर न्याय के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है लेकिन जब न्याय खुद चलकर उसके घर पहुंचे तो आप उसे क्या कहेंगे. अकसर रौब झाड़ने और लोगो को परेशान करने के लिये ही पुलिस का नाम आता है लेकिन जब जिले के पुलिस विभाग के मुखिया खुद न्याय दिलाने पहुंच जायें तो भला न्याय कैसे दूर रह सकता है. जी हां, अपने ही 4 बेटों द्वारा मारपीट कर घर से निकाले जाने के बाद जब रिटायर्ड और बुजुर्ग रेल कर्मी एसपी के जनता दरबार में पहुंचा तो बुजुर्ग का दर्द सुनकर एसपी पिघल गये और उसके घर लेकर पहुंच गए. दरअसल, ये 75 साल के बुजुर्ग हरिप्रसाद हैं और जिले के धानेपुर थाना क्षेत्र के ठठेरी मोहल्ले में रहते हैं. इनको इन्हीं के 4 कलियुगी बेटों ने घर से मारपीट कर बाहर कर दिया है.
पिता हरिप्रसाद ने अपने 4 बेटों को बड़े ही लाड़ प्यार से पाला, पढ़ाया, लिखाया और सरकारी मुलाजिम बनाया, लेकिन जब सेवा करने की बारी बेटों की आई तो उन्होंने धक्के मारकर घर से निकाल दिया. साये की तरह बाप अपने बच्चों के ऊपर रहता है, लेकिन हरिप्रसाद के अपने खून ने उनसे उनका सर का छाया छीन लिया और घर से बाहर फेंक दिया. कहते हैं की पिता से बड़ा न्यायधीश कोई नहीं होता लेकिन अपने ही जिगर के टुकड़ों से परेशान पिता जब न्याय के लिये एसपी की चौखट पर पहुंचा तो उसकी आंखें भरी हुई थीं.
बुजुर्ग की करुण पुकार सुनकर एसपी संतोष मिश्रा अपने लाव-लश्कर के साथ हरिप्रसाद को लेकर उसके घर पहुंचे और बेटों से कहा की पिता की सेवा करोगे या जेल जाओगे. आपको बता दें की हरिप्रसाद के सभी बेटे नौकरी करते हैं. 3 बेटे बैंक में नौकरी करते हैं तो एक बेटा बिजली विभाग में कार्यरत है. लेकिन पिता को कोई भी घर मे रखने को तैयार नहीं है. एसपी के हंटर के आगे सभी बेटे बाप को साथ रखने को तैयार हो गए और एसपी संतोष मिश्रा ने कहा की किसी भी वरिष्ठ नागरिक को अगर कोई दिक्कत हुई तो सख्त कार्रवाई होगी.