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एसपी साहब रह गए हैरान, वजह है पुलिसकर्मी की ये स्टोरी

jantaserishta.com
3 Nov 2022 5:28 AM GMT
एसपी साहब रह गए हैरान, वजह है पुलिसकर्मी की ये स्टोरी
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

सिपाही को 8 साल लग गए.
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के महोबा से प्रतापगढ़ पहुंचने में सिपाही को 8 साल लग गए. 2014 में महोबा में तैनात सिपाही का प्रतापगढ़ तबादला हुआ था, लेकिन वह प्रतापगढ़ पहुंचा 2022 में. आठ साल बाद पुलिस लाइन पहुंचे सिपाही ने जब पूरी कहानी बताई तो लोग हैरत में पड़ गए. फिलहाल सिपाही के 8 साल तक गायब रहने की जांच चल रही है.
दरअसल, बांदा जिले का रहने वाला प्रेम नारायण पाल जनवरी, 2014 में महोबा जनपद में बतौर आरक्षी तैनात था. यहां से उसका स्थानांतरण प्रतापगढ़ के लिए हुआ लेकिन वह प्रतापगढ़ पुलिस लाइन आमद कराने नहीं पहुंचा. ट्रांसफर के आठ साल बाद अक्टूबर 2022 में प्रेम नारायण पाल पुलिस लाइन पहुंचा.
मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने इस मामले की जांच सीओ लाइन प्रभात कुमार को सौंप दी. इसके बाद सीओ में बांदा से लेकर महोबा तक जांच पड़ताल की. इस मामले में पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी कि क्या आठ साल से गायब सिपाही प्रेम नारायण पाल ही ज्वाइनिंग के लिए पहुंचा है या कोई.
सिपाही प्रेम नारायण ने बताया कि उसका एक्सीडेंट हो गया था और घर मे कोई ऐसा नहीं था, जो इलाज के लिए कहीं ले जा सके, न ही उसके पास पैसा था, जिसके चलते उसकी पत्नी और बुजुर्ग पिता ने घर पर ही देशी इलाज कराया, इलाज के लिए उसके बुजुर्ग मां-बाप ने पहले जमीन बेचीं, फिर उसने खुद भी जमीन बेचकर इलाज कराया.
प्रेम नारायण ने बताया कि वो विभिन्न गायकों की आवाज में गाना भी अच्छा गाता है, जिसके चलते वह मुंबई पहुंच गया. म्यूजिक इंडस्ट्री में किस्मत आजमाने के लिए तानपुरा लेकर पहुंचा और 10 हजार में कमरा लिया, लेकिन आगे किराया दे पाना सम्भव नहीं हुआ तो वापस लौट आया, इस दौरान सेहत में सुधार होता रहा और आठ साल बाद प्रतापगढ़ पहुंचा.
एसपी ने नौकरी के दौरान मिली सजा के बारे में पूछा तो सिपाही प्रेम नारायण ने बताया, 'इलाहाबाद के लाल गोपालगंज इलाके में एक पाकिस्तानी उसके कब्जे से भाग गया था, इस मामले में साथ रहा दरोगा कई बार पीसीओ से उसकी बात कराता रहा और सुरक्षा में तैनात सिपाही विरोध करते रहे, इस घटना में मुझे व अन्य सिपाहियों को निलंबित किया गया था, जबकि दरोगा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, दरोगा जांच में दोषी पाया गया, जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया और मुझ समेत सिपाहियों को बहाल कर दिया गया.'
जब एसपी सतपाल अंतिल, सिपाही प्रेम नारायण के जवाब से संतुष्ट हो गए थे तो उसकी आमद करा ली, लेकिन मामले की जांच अभी भी जारी है.
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